Himachal Pradesh Politcs : हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू सरकार का संकट टलता दिखाई दे रहा है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव ने राज्य में मुख्यमंत्री नहीं बदलेगी। इस बीच सीएम सुक्खू ने आज सुबह कांग्रेस विधायकों को नास्ते पर बुलाया।
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सुक्खू सरकार के बने रहने पर सवाल उठने लगे थे। राज्य में कांग्रेस को संघर्ष करता देख पार्टी आलाकमान ने डीके शिवकुमार, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और भूपेश बघेल को पर्यवेक्षक बनाकर हिमाचल भेजा। पर्यवेक्षक आज आलाकमान को रिपोर्ट सौंप सकते हैं।
बुधवार को विधानसभा में भारी हंगामे के बीच भाजपा के 15 विधायकों के निलंबन के बाद सरकार ने ध्वनि मत से बजट पास करा लिया है। हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा बुधवार सुबह की थी। हालांकि बाद उनके तेवर नरम दिखे। रात तक उन्होंने अपना इस्तीफा वापस भी ले लिया।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस के 6 विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिन्होंने बजट पास करने के लिए पार्टी के जारी व्हिप का उल्लंघन किया। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। इस वजह से दिग्गज कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को भाजपा के हर्ष महाजन से हार का सामना करना पड़ा था।
हालांकि कहा जा रहा है कि सुक्खू सरकार की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुईं हैं। पार्टी के 40 विधायकों में से नाराज 6 विधायक अभी भी भाजपा के संपर्क में है। हालांकि दलबदल कानून से बचने के लिए कांग्रेस से 14 विधायकों का तोड़ना होगा। फिलहाल कांग्रेस का जोर नाराज विधायकों को मनाने पर है।
Edited by : Nrapendra Gupta