नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन (नेट) एंडरसन ने कहा है कि उनकी कंपनी पर कभी प्रतिबंध नहीं लगा और न ही कभी उसके बैंक खाते पर रोक लगाई गई। साथ ही कंपनी के खिलाफ कोई जांच भी नहीं चल रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद अडाणी समूह के शेयर गिरने से समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 100 अरब डॉलर से ज्यादा नीचे आ चुका है।
अडाणी समूह के खिलाफ 24 जनवरी को उद्योग जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली 100 पृष्ठ की रिपोर्ट जारी करने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें चलने लगी थीं कि हिंडनबर्ग के खिलाफ अमेरिका में तीन आपराधिक मामलों की जांच चल रही है और इसलिए इसे वित्तीय उद्योग नियामक प्राधिकरण (एफआईएनआरए) द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है, इसके बैंक खाते जब्त कर लिए गए हैं और इसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों पर कोई भी रिपोर्ट जारी करने से रोक दिया गया है।
एंडरसन ने ट्विटर पर एक रिपोर्ट साझा करते हुए ऐसी किसी भी खबर को खारिज करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग न कभी प्रतिबंधित हुई है न ही उसके खिलाफ कोई जांच चल रही है। उन्होंने कहा, हम पर एफआईएनआरए ने प्रतिबंध लगा दिया है। (कभी नहीं।) हमारे बैंक खाते जब्त कर लिए गए हैं (नहीं)। एनवाईएसई पर सूचीबद्ध कंपनी पर कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर सकते (ऐसा नहीं है)। हमारे खिलाफ जांच जारी है (नहीं)। हिंडनबर्ग को एंडरसन ने 2017 में स्थापित किया था।
हिंडनबर्ग इससे पहले लॉर्ड्सटाउन मोटर्स कॉर्पोरेशन (अमेरिका), कांडी (चीन), निकोला मोटर कंपनी (अमेरिका), क्लोवर हेल्थ (अमेरिका) और टेक्नोग्लास (कोलंबिया) के खिलाफ भी रिपोर्ट प्रकाशित कर चुकी है। हिंडनबर्ग ने इनके अलावा अडाणी समूह पर रिपोर्ट प्रकाशित करने से 2 महीने से भी कम समय पहले एनवाईएसई में सूचीबद्ध कंपनी वेलटॉवर इंक के खिलाफ भी रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)