दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवार को केंद्र सरकार को यह निर्देश देने के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई कि मुस्लिम पुरुषों से शादी कर चुकी हिंदू महिलाओं पर तीन तलाक या बहुविवाह के नियम लागू नहीं होने चाहिए।
इस याचिका की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली पीठ कर सकती है जिसमें तीन तलाक से प्रभावित हिंदू महिलाओं की दुर्दशा को देखते हुए इस पर विचार करने की मांग की गई है।
वकील विजय शुक्ला द्वारा दायर की गई इस याचिका में विशेष विवाह अधिनियम के तहत अंतर-जातीय विवाह के लिए पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। (भाषा)