Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादी ढेर

हमें फॉलो करें हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादी ढेर
, रविवार, 26 मार्च 2017 (22:33 IST)
श्रीनगर। हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादी उस समय मारे गए जब उन्होंने दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में एक पुलिस दल पर घात लगाकर हमला करने की कोशिश की। पुलिस दल में अधीक्षक रैंक के तीन अधिकारी शामिल थे। पुलिस ने बताया कि घटना दक्षिणी कश्मीर में अवंतीपुरा और पुलवामा जिलों की सीमा पर स्थित पदगमपुरा में हुई जब आतंकवादी पीछे से आए और अधिकारियों के काफिले पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
 
काफिले में अंतिम वाहन 32 वर्षीय चंदन खोली का था जो आतंकवाद प्रभावित पुलवामा जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि खोली ने अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर (जिन्हें अवंतीपुरा और पुलवामा के वरिष्ठ अधीक्षकों क्रमश जाहिद मलिक तथा रईस मोहम्मद भट की ओर से तुरंत सहायता मिली) दो आतंकवादियों को मार गिराया।
 
सूत्रों ने बताया कि दोनों आतंकवादियों को कार में लेकर आया चालक मुठभेड़ शुरू होते ही भाग गया जिसकी तलाश शुरू कर दी गई है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसे अपहृत किया गया था या वह आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था। शीर्ष पुलिस अधिकारी अनंतनाग और श्रीनगर में होने जा रहे लोकसभा उपचुनाव के सिलसिले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक कर लौट रहे थे।
 
दक्षिणी कश्मीर के पुलिस उपमहानिरीक्षक एस पाणि ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया कि पुलिस ने एक एसएलआर सहित दो हथियार, एक हथगोला और कुछ गोला बारूद बरामद किया है। पदगमपुरा में गत में कई मुठभेड़ हो चुकी हैं और यहां हिज्बुल मुजाहिदीन तथा लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की मौजूदगी मानी जाती है। शोपियां और कुलगांव जिलों में आतंकवाद पर नकेल कसने में सराहनीय भूमिका निभा चुके पाणि ने तुरत कार्रवाई कर दो आतंकियों को ढेर करने वाले पुलिसकर्मियों की सराहना की।
 
मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान शाहबाज सफी वानी उर्फ रईस काचरू के रूप में हुई है जो इलाके में जून 2016 से सक्रिय था । अधिकारी ने कहा कि वानी पुलवामा जिले के तुमलाहाल स्थित अल्पसंख्यक शिविर के बाहर एक सुरक्षा चौकी पर हमले तथा दो एसएलआर और मैग्जीन छीनने की घटनाओं में शामिल था। दूसरे आतंकवादी की पहचान शोपियां निवासी फारूक अहमद हुर्रा के रूप में हुई है जिसने 2010 में समर्पण कर दिया था और वह पैरोल पर था। इस बीच पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) एसजेएम गिलानी ने कहा कि घटनास्थल पर मौजूद हमारे अधिकारियों के अनुसार शायद एक आतंकवादी भागने में सफल रहा। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गुंडे-बदमाशों को योगी आदित्यनाथ की कड़ी चेतावनी