Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

गृहमंत्री शाह बोले- विरोधी की बात भी धैर्य से सुनते हैं PM, जरूरी मामलों पर 2-3 बैठकों के बाद ही फैसला लेते हैं

हमें फॉलो करें गृहमंत्री शाह बोले- विरोधी की बात भी धैर्य से सुनते हैं PM, जरूरी मामलों पर 2-3 बैठकों के बाद ही फैसला लेते हैं
, रविवार, 10 अक्टूबर 2021 (19:40 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक 'लोकतांत्रिक नेता' करार देते हुए रविवार को कहा कि उनके आलोचक भी इस बात से सहमत होंगे कि जिस लोकतांत्रिक तरीके से उनके नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल काम कर रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।

मोदी को तानाशाह नेता बताए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जैसा श्रोता देखा ही नहीं, जो छोटे से छोटे व्यक्ति के सुझाव को गुणवत्ता के आधार पर महत्व देते हैं और धैर्यपूर्वक निर्णय लेते हैं।

संसद टीवी को दिए एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय हित में कड़े निर्णय लेने से प्रधानमंत्री संकोच नहीं करते हैं और कई मौकों पर उन्होंने देश के कल्याण के लिए ऐसा किया भी है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी किसी की नहीं सुनते और अकेले फैसला करते हैं, शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री एक लोकतांत्रिक नेता हैं।

उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी कार्यप्रणाली को बहुत नजदीक से देखा है। मैंने उनके जैसा श्रोता देखा ही नहीं है। किसी भी बैठक में मोदीजी कम से कम बोलते हैं, सबको धैर्यपूर्वक सुनते हैं और फिर उचित निर्णय लेते हैं। छोटे से छोटे व्यक्ति के सुझाव को गुणवत्ता के आधार पर महत्व देते हैं और धैर्यपूर्वक निर्णय लेते हैं।
webdunia

यह रेखांकित करते हुए कि मोदी कभी फैसले थोपते नहीं हैं, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष शाह ने कहा, जिसने भी उनके साथ काम किया है या उनकी आलोचना करने वाले भी इस बात से सहमत होंगे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में आज जिस लोकतांत्रिक तरीके से काम हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।

शाह ने कहा कि मोदी अनुशासन पर जोर देते हैं, इसलिए कुछ बैठकों की जानकारी, जिन्हें गोपनीय रखे जाने की आवश्यकता होती है, वह सामने नहीं आतीं। उन्होंने दावा किया भी सभी बैठकों में कोई भी निर्णय सामूहिक विमर्श के बाद होता है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा ही कहा है कि वह सिर्फ सरकार चलाने के लिए सत्ता में नहीं आए हैं, बल्कि देश की बेहतरी के लिए, उसे बदलने के लिए सत्ता में आए हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए वह राष्ट्रीय और जन हित में सख्त फैसले लेते हैं, वह चाहे पार्टी समर्थकों के खिलाफ ही क्यों ना हो।

शाह ने कहा ‍कि जब आप कालेधन पर कार्रवाई करते है, जब आर्थिक सुधार होते हैं, कर चोरी के रास्ते बंद होते हैं तो इससे कुछ लोग प्रभावित होते हैं। वर्षों तक हमारे लिए मतदान करने वाले भी इससे प्रभावित होते हैं। यह होता है। लेकिन वह यह भी समझते हैं कि मोदी को इससे कुछ नहीं मिलने वाला है, बल्कि देश का ही भला होने वाला है।

शाह ने 20 सालों तक संवैधानिक पदों पर बैठकर मोदी द्वारा जनहित में उठाए गए कदमों की गिनती कराई और कहा कि उनके जीवन में जो तीन बड़े-बड़े मौके आए वह तीनों ही चुनौतीपूर्ण थे और उन्होंने बड़े धैर्य से और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ तीनों चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया। उन्होंने कहा कि एक दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण ही देश की सुरक्षा व्यवस्था भी आज चाक-चौबंद हुई है।

उन्होंने कहा कि कभी कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि भारत एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक करेगा। वह अमेरिका के लिये रिजर्व चीज थी। आज इसके कारण भारत के युवा का हौसला बढ़ा है कि हम भी कर सकते हैं। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि कुछ विपक्षी दलों को लगता है कि सत्ता चलाना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र सर्वप्रथम और जनहित में नीतियों को केंद्रित करते हुए इस सोच को चुनौती दी।

शाह ने कहा कि वे विपक्षी दलों के अपने मित्रों से आग्रह करेंगे कि यदि वर्तमान सरकार में कोई भ्रष्टाचार हुआ है तो उसे जनता के सामने लाएं। उन्होंने कहा कि जनता के समक्ष हमारी असफलताओं को लाइए, लेकिन निजी हमले कर राजनीति की मर्यादा कम ना करिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लखीमपुर मामला : UP BJP अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बोले, हम फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए