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कैसे आप को दिल्ली से बेदखल किया कांग्रेस ने, 4 पॉइंट में समझिए

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 10 फ़रवरी 2025 (12:46 IST)
Congress is reason for AAP defeat in Delhi: दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। आम आदमी पार्टी (आप) की 11 साल पुरानी सरकार खत्म हो गई और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है। इस चुनाव में कांग्रेस की भूमिका ने भाजपा को अप्रत्याशित लाभ पहुंचाया। आइए, 4 प्रमुख बिंदुओं में समझते हैं कि कांग्रेस ने कैसे आप को सत्ता से बाहर कर दिया।
 
1. कांग्रेस ने कैसे काटे आप के वोट?
कांग्रेस ने इस चुनाव में केवल 6.5% वोट हासिल किए, लेकिन इस छोटे से वोट शेयर ने आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस के प्रत्याशियों ने 14 सीटों पर आप के उम्मीदवारों को हराने में अप्रत्यक्ष भूमिका निभाई। खुद अरविंद केजरीवाल की हार में कांग्रेस के संदीप दीक्षित के 4568 वोट निर्णायक साबित हुए। इसी तरह, मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती और सौरभ भारद्वाज जैसे दिग्गज भी कांग्रेस की वजह से अपनी सीटें नहीं बचा सके।
 
2. वोट शेयर में मामूली अंतर, लेकिन सीटों में बड़ा फर्क : दिल्ली चुनाव में भाजपा और आप के वोट शेयर में केवल 3.6% का अंतर था, लेकिन सीटों के मामले में भाजपा ने 48 और आप ने सिर्फ 22 सीटें जीतीं। कांग्रेस का सीमित लेकिन असरदार वोट शेयर आप के खिलाफ चला गया, जिससे भाजपा को सीधा फायदा हुआ। कुल मिलाकर, कांग्रेस के कारण भाजपा की 8 सीटें बढ़कर 48 हो गईं, जबकि आप को 40 सीटों का नुकसान हुआ।
 
3. कांग्रेस वेंटिलेटर से आईसीयू तक : 2015 और 2020 के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब था, लेकिन इस बार पार्टी ने थोड़ी वापसी की। हालांकि, कांग्रेस की स्थिति अभी भी ‘आईसीयू’ में ही है। इस चुनाव में उसे पिछले चुनावों की तुलना में 2% अधिक वोट मिले, लेकिन पार्टी फिर भी खाता खोलने में असफल रही। हालांकि, उसने आप को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई।
 
4. बीजेपी को भी कांग्रेस ने पहुंचाया नुकसान : दिल्ली चुनावों में कांग्रेस सिर्फ आप को ही नुकसान नहीं पहुंचा रही थी, बल्कि भाजपा को भी 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। उदाहरण के लिए, कालकाजी सीट पर आतिशी के खिलाफ भाजपा के रमेश विधूड़ी की हार हुई। कांग्रेस ने कुछ सीटों पर प्रभावी प्रदर्शन किया, जिससे यह संकेत मिला कि पार्टी के लिए भविष्य में अपना जनाधार फिर से खड़ा करने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
 
कांग्रेस ने बदले समीकरण : इस चुनाव में कांग्रेस भले ही एक भी सीट न जीत पाई हो, लेकिन उसने दिल्ली की सत्ता के समीकरण को पूरी तरह बदल दिया। उसके वोट शेयर ने भाजपा को मजबूत किया और आप को कमजोर किया। कहा जा रहा था कि कांग्रेस दिल्ली के नतीजों पर उसी स्थिति में असर डाल पाएगी, जब कम से कम 10 फीसदी वोट ले। लेकिन सिर्फ साढ़े छह परसेंट वोट लेकर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया तो यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली में कांग्रेस अप्रत्यक्ष रूप से ‘किंगमेकर’ की भूमिका में नजर आई।
 

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