Haldwani Violence : उत्तराखंड में नैनीताल जिले का हल्द्वानी में भयंकर हिंसा हो गई है। 6 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 250 लोग घायल हो गए हैं। प्रशासन की एक मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन को लेकर भीड़ इस कदर उग्र हुई कि देखते ही देखते पूरा इलाका जल उठा।
हालांकि अब सवाल उठ रहे हैं कि जिस मदरसे और मस्जिद को नगर निगम ने जेसीपी मशीन से ध्वस्त किया, वो वैध थी या अवैध? जानते हैं क्या कहा कोर्ट ने इस मस्जिद और मदरसे को लेकर?
जिस पर कार्रवाई हुई वो मस्जिद अवैध थी : दरअसल, जिस मस्जिद पर बुलडोजर चला, वह न केवल अवैध थी बल्कि उसे प्रशासन ने पहले ही सील कर रखा था। इस बात की पुष्टि नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने की है। उनकी मानें तो ध्वस्त किया गया मदरसा और मस्जिद पूरी तरह से अवैध थी। नगर आयुक्त के मुताबिक इस मस्जिद और मदरसे के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में कब्जा ले लिया था और मदरसे और नमाज स्थल यानी मस्जिद को सील कर दिया गया था। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत उसे गुरुवार को ध्वस्त किया गया।
डीएम वंदना सिंह ने की प्रेसवार्ता : नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने हिंसा के बाद प्रेसवार्ता कर बहुत सी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई करने पहुंची टीम पर पेट्रोल बम से हमला किया गया। पूरी प्लानिंग के साथ हमला किया गया। लोगों को जलाने की कोशिश की गई। अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर अचानक हमला कर दिया गया। कई कर्मचारी और अधिकारियों पर उग्र भीड ने हमला किया। डीएम वंदना सिंह ने बताया कि प्रशासन की टीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवई करने पहुंची थी। हम वही कर रहे थे जो कोर्ट ने कहा था।
क्या हुआ था कोर्ट में : हल्द्वानी के बनभूलपुरा स्थित इस मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन से पहले हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया था। उत्तराखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को बनभूलपुरा में मस्जिद और मदरसे को ढहाए जाने से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी। मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य ने यह याचिका दायर की थी। दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं ने हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई थी। मगर मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ द्वारा कोई राहत नहीं दी गई। जब हाईकोर्ट ने मस्जिद पक्ष को कोई राहत नहीं दी, इसके बाद मस्जिद-मदरसे पर नगर निगम की ओर से विध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई। हालांकि, इसी याचिका पर अब अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
Edited By Navin Rangiyal