-वेबदुनिया इलेक्शन डेस्क
उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित 5 राज्यों में चुनाव 2022 के लिए मतदान खत्म होते ही एग्जिट पोल (Exit Poll) आ गए हैं। एग्जिट पोल बता रहे हैं कि किस राज्य में कौन सी सरकार की वापसी हो रही है और क्या समीकरण बन सकते हैं। वर्तमान एग्जिट पोल सही और गलत हो सकते हैं इसका फैसला 10 मार्च को होगा, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल की सटीकता को लेकर हमेशा की तरह कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
टीवी चैनल्स पर जोर-शोर से उप्र में भाजपा की वापसी से लेकर पंजाब में आप पार्टी को सत्ता में आने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन यदि थोड़ा सा पीछे देखें तो पिछले साल का पश्चिम बंगाल चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल ने BJP को 130 से 170 तक सीटें मिलने का दावा किया था, लेकिन जब नतीजे आए तो भाजपा महज 77 सीटों पर सिमट गई और ममता बनर्जी की TMC ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई। महापोल में भी भाजपा को टीएमसी के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलना बताया गया था।
इसी तरह 2004 के लोकसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल्स में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के फिर सत्ता में आने का अनुमान किया गया था, लेकिन एनडीए को मात्र 189 सीटें मिली और कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए ने 222 सीटें जीतकर सरकार बनाई।
2009 लोकसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल्स एक बार फिर से नाकाम रहे। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में यह तो कहा गया कि यूपीए को बढ़त मिलने के अनुमान के साथ बताया था कि कांग्रेस को अधिक सीटें मिलना मुश्किल है। यूपीए के सहयोगियों को अधिक सीटें मिलना बताया था लेकिन कांग्रेस अकेले ही 200 के पार पहुंचकर 206 सीटें लाई और यूपीए सरकार बनी।
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल्स में भाजपा सरकार बनने का अनुमान लगाया गया था पर भाजपा को 32 सीटें मिली जो बहुमत से 3 सीटें कम थी। एक्जिट पोल में आप पार्टी को कमजोर आंका गया था लेकिन उन्होंने 28 सीटें जीती थी।
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल्स पूरी तरह गलत साबित हुए। उस समय के कई पोल में भाजपा गठबंधन को लालू-नीतिश के जेडीयू-आरजेडी गठबंधन पर बढ़त बताई गई थी, लेकिन नतीजे जब आए तो भाजपा गठबंधन सिर्फ 58 सीटों पर जीत हासिल कर सका जबकि जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटें जीत कर सत्ता हासिल की।
2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिखाया गया था, लेकिन कांग्रेस ने 69 सीटें जीत सरकार बनाई और भाजपा 14 सीटों पर सिमट गई।
पिछले कई एग्जिट पोल्स के आंकड़े देखने से पता चलता है कि कई बार एग्जिट पोल बढ़ा-चढ़ा कर आंकड़े दिखाते हैं तो कभी-कभार नतीजे आंकड़ों के आसपास आए हैं। लेकिन कभी भी कोई एग्जिट पोल चुनाव परिणाम की जस की तस स्थिति पहले से नहीं बता पाया है।