नई दिल्ली। देश में वर्ष 2016 में मानव तस्करी के मामले में पश्चिम बंगाल सबसे आगे रहा और दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम है। देशभर में मानव तस्करी के कुल मामलों में से 61 प्रतिशत मामले अकेले दोनों राज्यों के हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष देशभर में इस तरह के 8,132 मामले दर्ज किए गए थे जिनमें से अकेले पश्चिम बंगाल में 3,576 और राजस्थान में 1,422 मामले थे। राजस्थान के बाद गुजरात में 548 वहीं महाराष्ट्र में 517 मामले दर्ज किए गए। केंद्र शासित क्षेत्रों में मानव तस्करी के सर्वाधिक मामले दिल्ली में दर्ज किए गए। केंद्र शासित क्षेत्रों में मानव तस्करी के कुल 75 मामले दर्ज किए गए जिनमें से अकेले 66 मामले दिल्ली के हैं।
हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में साल 2015 की तुलना में ऐसे मामलों में कमी आई है। साल 2015 में दिल्ली में इस तरह के 87 मामले दर्ज किए गए थे। दक्षिणी राज्यों में सर्वाधिक मामले तमिलनाडु में 434 और इसके बाद कर्नाटक में 404 दर्ज किए गए।
उल्लेखनीय तथ्य है कि जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, नगालैंड, दादर एवं नागर हवेली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में मानव तस्करी का एक भी मामला सामना नहीं आया है। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में मानव तस्करी के पिछले वर्ष क्रमश: 79 और 51 मामले दर्ज किए गए। बिहार में ऐसे 43, ओडिशा में 84 और झारखंड में 109 मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने बताया कि मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। (भाषा)