नई दिल्ली। देश के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में बीटेक की फीस नहीं बढ़ाई जाएगी लेकिन विदेशी छात्रों की फीस बढ़ाने के संबंध में आईआईटी की संचालन समिति निर्णय लेगी।
आईआईटी काउंसिल की सोमवार को यहां हुई 52वीं बैठक में फीस बढ़ाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया लेकिन विदेशी छात्रों की फीस बढ़ाने के संबंध में निर्णय के लिए आईआईटी की संचालन समिति को अधिकृत कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की।
गौरतलब है कि हाल में मीडिया में आईआईटी की फीस बढ़ाने की खबरें आई थीं। बैठक में लिए गए फैसलों अब आईआईटी 5 इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ-साथ 5 स्कूलों को भी गोद लेंगे और वे वहां के शिक्षकों तथा छात्रों को प्रशिक्षित करेंगे।
जावड़ेकर ने काउंसिल की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि 'आईआईटी पाल' नामक ऐप को स्वयं पोर्टल से जोड़ दिया गया है और जेईई परीक्षा के लिए छात्रों को इसमें वीडियो, लेक्चर, ट्यूटोरियल्स आदि डाल दिए गए ताकि छात्रों को कोचिंग इंस्टीट्यूट का सहारा न लेना पड़े।
सोमवार को यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में बीटेक के छात्रों की फीस में किसी तरह का संशोधन करने का कोई फैसला नहीं लिया गया लेकिन विदेशी छात्रों की फीस बढ़ाने के बारे में फैसला आईआईटी की संचालन समिति ले सकेगी।
बैठक में यह भी फैसला हुआ कि आईआईटी एडवांस की परीक्षा प्रणाली में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी तिरुपति सभी आईआईटी के बुनियादी ढांचा परिसर के निर्माण का कार्य देखेंगे। इसके अलावा सभी आईआईटी में टेक फेस्ट होंगे जिनमें नए आविष्कारों और नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा उसमें कॉर्पोरेट जगत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाग लेंगे।
आईआईटी की एमटेक में खाली सीटों के बारे में फैसला सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा, क्योंकि एमटेक के छात्र इन प्रतिष्ठानों में नौकरी करने लगते हैं जिनसे सीटें खाली हो जाती हैं। बैठक में गैरशिक्षक कर्मचारियों के मामले को संचालन समिति खुद निपटाएगी लेकिन सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के तहत ही कोई फैसला लिया जाएगा। (वार्ता)