जीएसटी को शुक्रवार को रात 12 बजे लागू कर दिया गया। इसके लागू होते ही केंद्र और राज्यों के 17 कर और 23 सेस समाप्त हो गए। भारत में अप्रत्यक्ष करों ने भारत के बिजनेस और सप्लाई चेन को बदल कर रख दिया था। अब तक देश को उद्योग जगत से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिये करीब 14.6 लाख करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं।
उद्योगपति और कारोबारियों की मुसीबत : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर बाजार में छाई उथल-पुथल का सीधा असर उद्योग जगत में देखने को मिला है। विभिन्न उत्पादों की मांग में आई कमी से जहां कई उद्योगों के उत्पादन में जबरदस्त गिरावट दर्ज की जा रही हैं। वहीं इसी के चलते औद्योगिक क्षेत्र गगरेट के कई उद्योगों ने ठेकेदार के माध्यम से रखे सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है तो अब स्टाक क्लीयरेंस के नाम पर उत्पादन बिलकुल ठप कर 25 जून से दो जुलाई तक उद्योग बंद रखने का फैसला किया है।
जानकारी का अभाव, उद्योगपति सहमे : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में जानकारी का अभाव ही कहें कि अन्य व्यापारियों के साथ उद्योगपति भी सहमे हुए हैं। अन्य व्यवसायियों के साथ उद्योगपतियों ने भी जीएसटी के लिए आवेदन किए हैं। लेकिन उद्योगपतियों को अभी तक जीएसटी नंबर नहीं मिले हैं। इसी के साथ उत्पादों की मांग में आई गिरावट के चलते इसका सीधा असर उद्योगों पर पड़ा है।
उपभोक्ता उत्पाद : वर्तमान में उपभोक्ता उत्पादों पर सात से 30 फीसद कर लगता है। जीएसटी के लगने से उन कंपनियों को अधिक फायदा होगा, जिन्हें अतीत में कर छूट नहीं मिलती थी। इससे संगठित और असंगठित क्षेत्र के बीच कीमतों में अंतर कम होगा। माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के लगने के बाद मांग में तेजी आएगी और इस साल उपभोक्ता उत्पादों की खरीद बढ़ेगी। हैवेल्स, बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स, वोल्टास जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
लॉजिस्टिक्स : जीएसटी के लागू होने से सामान के लाने ले जाने में लगने वाले समय में कमी आएगी। इससे ट्रकों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। ऐसा होने पर भारी-भरकम बड़े ट्रकों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा, जिससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत में कमी आएगी। इसके साथ ही सामानों का अंतरराज्यीय परिवहन आसान होगा, जिससे लॉजिस्टिक सर्विस की मांग में इजाफा होगा। जीएसटी के कारण लॉजिस्टिक सेक्टर में काम करने वाले असंगठित प्लेयर्स और संगठित प्लेयर्स के बीच कीमतों का अंतर खत्म होगा।
दरअसल, कई असंगठित कंपनियां कर चोरी करती हैं और इसलिए वह कीमत पर सामान पहुंचाने की पेशकश कर पाती हैं। एक जैसी कर दरें होंने से संगठित क्षेत की गति, ब्ल्यू डार्ट, ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
इन सेक्टर्स को होगा फायदा : जीएसटी लागू होने से फार्मास्युटिकल सेक्टर, ऑटोमोबल सेक्टर, आईटी सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
इन सेक्टर्स को होगा नुकसान : मीडिया, टेक्सटाइल, टेलीकम्युनिकेशन, मैटल्स आदि सेक्टरों पर नकारात्मक असर होगा।