नई दिल्ली। देश के हर नागरिक को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधा देने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में जरूरी तथा आधुनिक सुधार किए जा रहे हैं और 5 साल में हुए अहम बदलाव साफ नजर आ रहे हैं।
हर्षवर्धन राज्यसभा में होमियोपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 पर एकसाथ हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए न तो आयुर्वेद और होमियोपैथी के बीच किसी भी तरह के 'ब्रिज कोर्स' का प्रावधान है और न ही इससे किसी भी तरह की स्वायत्तता पर कोई अतिक्रमण होगा।
हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार पूरे मन से भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और अगर ऐसा नहीं होता तो भारतीय चिकित्सा परिषद की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग नहीं बनाया गया होता।
नैचुरोपथी और योग के संदर्भ में मंत्री ने कहा कि इसके महत्व को देखते हुए नीति आयोग ने सुझाव दिया था कि इसके लिए एक अलग राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग होना चाहिए और अब प्रयास चल रहे हैं और जल्द ही यह आयोग भी अस्तित्व में आ जाएगा। देश में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में जब इतिहास लिखा जाएगा तो वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जितने स्वास्थ्य सुधार हुए और पूरी दुनिया में उन्हें जिस तरह से सराहा गया, उसका जिक्र स्वर्ण अक्षरों में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दोनों विधेयक लाने के लिए सरकार की मंशा साफ है और वह देश के हर नागरिक को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि वे सदन में मौजूद सदस्यों से इन विधेयकों को आम सहमति से पारित करने का अनुरोध करते हैं।
मंत्री के जवाब के बाद सदन ने दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इसके साथ ही सदन ने पिछले दिनों जारी होमियोपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश को नामंजूर करने के लिए विपक्ष द्वारा पेश संकल्प को अस्वीकार कर दिया। (भाषा)