नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि लोगों की सुरक्षा और पशुओं के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। इसने सुझाव दिया कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों को उनका टीकाकरण कराने तथा यदि जानवर किसी पर हमला करे तो उसका खर्च वहन करने के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के मुद्दे पर कहा कि कोई समाधान निकालना होगा। मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि हम में से ज्यादातर कुत्ता प्रेमी हैं। मैं भी कुत्तों को खाना खिलाता हूं। मेरे दिमाग में कुछ आया। लोगों को (कुत्तों का) ख्याल रखना चाहिए, लेकिन उन्हें चिह्नित किया जाना चाहिए। चिप के माध्यम से ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के मुद्दे को हल करने के लिए एक तर्कसंगत समाधान खोजा जाना चाहिए। इसने दोनों पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 28 सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी। शीर्ष अदालत आवारा कुत्तों को मारने पर विभिन्न नगर निकायों द्वारा पारित आदेशों से संबंधित मुद्दों पर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जो विशेष रूप से केरल और मुंबई में एक खतरा बन गए हैं।(भाषा)