जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक कूटनीति के आगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घुटने टेक दिए हैं। कश्मीर मुद्दे पर दुनिया के हर मंच पर मुंह की खाने के बाद अब पाक पीएम इमरान खान की अक्ल ठिकाने आ गई है। न्यूयार्क में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथों कश्मीर पर इंटरनेशनल बेइज्जती के बाद इमरान खान ने अब सरेंडर कर दिया है।
कश्मीर मुद्दे पर दुनिया के देशों का ध्यान खींचने में नाकाम रहने और किरकिरी के बाद इमरान खान ने अब कबूल कर लिया है कि वह कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण के अपने प्रयासों में पूरी तरह विफल हो गए हैं। इमरान खान ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हैं।
खिसियाए इमरान ने कहा कि यदि 8 मिलियन यूरोपीय या यहूदी या यहां तक 8 अमेरिकियों को घेराबंदी में रखा गया होता, तो क्या तब भी यही प्रतिक्रिया होती? इमरान ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विश्व समुदाय को रत्तीभर प्रेशर पीएम मोदी पर नहीं डलवा सके।
इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में एक बार कर्फ्यू हटता है तो अल्लाह जानता है कि वहां पर क्या होगा। अमेरिका में पीएम मोदी के हाउडी मोदी कार्यक्रम की सफलता और दुनिया में पीएम मोदी के बढ़ते कद के बाद अब इमरान खान ने भी भारत के आर्थिक कद और वैश्विक प्रमुखता को भी स्वीकार कर लिया है।
इमरान को हार्टअटैक का डर : कश्मीर पर पीएम मोदी के आक्रामक कूटनीति के आगे सरेंडर करते हुए इमरान खान ने कहा कि वह इतने तनाव से गुजर रहे हैं कि उनकी जगह कोई और होता तो उसे हार्टअटैक आ जाता। न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में इमरान ने बेचारगी जताते हुए कहा कि मैं क्या करूं एक तरफ अफगानिस्तान की समस्या चल रही है, दूसरी तरफ ईरान की समस्या चल रही है, चीन भी चिढ़ा हुआ, अब देखिए भारत के साथ भी दिक्कतें शुरु हो गई हैं, ऐसे में अगर आप भी मेरी जगह होते ना तो आपको हार्टअटैक आ जाता ।
अमेरिकी दौरे पर पाक पीएम इमरान खान की हो रही लगातार बेइज्जती के बाद इमरान खान पाकिस्तानी मीडिया और लोगों के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के अपने अंदरुनी फैसले को लेकर इमरान खान ने जिस तरह पूरे विश्व के सामने कश्मीर मुद्दे का ढिंढोरा पीटा, इसका कोई भी फायदा इमरान खान को नहीं हुआ।
यूएन की सालाना बैठक में भाग लेने पहुंचे इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने कश्मीर का रोना रोते हुए मध्यस्थता की अपील की, लेकिन भारत के कड़े रुख को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता से हाथ खींच लिए। इसके बाद इमरान कश्मीर के मुद्दे पर पूरी दुनिया में अकेले पड़ गए हैं।