नई दिल्ली। नया साल शुरू होते ही निर्धारित सीमा से अधिक बार एटीएम से नकद निकासी करना उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ने लगेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गत जून में जारी निर्देश के मुताबिक बैंकों के ग्राहकों को एक जनवरी 2022 से निशुल्क सीमा से अधिक बार एटीएम निकासी करने पर 21 रुपए की दर से भुगतान करना होगा। अभी बैंकों को निर्धारित सीमा से अधिक बार नकद निकासी पर 20 रुपए का शुल्क लेने की अनुमति है।
बैंकिंग ग्राहकों के लिए राहत की बात यह है कि एक जनवरी से भले ही शुल्क दर बढ़ जाएगी, लेकिन वे पहले की तरह महीने में 5 बार एटीएम से निःशुल्क लेन-देन कर सकेंगे। इसमें नकद निकासी के अलावा गैर-वित्तीय लेन-देन भी शामिल हैं।
इसके अलावा बैंकिंग ग्राहक अपने बैंक के अलावा दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में मेट्रो शहरों में तीन लेन-देन और गैर-मेट्रो शहरों में 5 लेनदेन भी कर पाएंगे।
आरबीआई ने पहले बैंकों को वित्तीय लेन-देन के लिए 17 रुपये की दर से इंटरचेंज शुल्क लगाने और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 6 रुपये का शुल्क लगाने की अनुमति दी थी। यह बढ़ी हुई दर एक अगस्त 2021 से लागू होनी थी।
लेन-देन शुल्कों में वृद्धि का फैसला एटीएम मशीनें लगाने और रखरखाव से जुड़ा बैंकों का खर्च बढ़ने की वजह से लिया गया है। इससे वित्तीय इकाइयों की अपेक्षाओं एवं ग्राहकों की सुविधा के बीच संतुलन स्थापित होने की उम्मीद है।
केंद्रीय बैंक ने एटीएम संचालन की समीक्षा के लिए जून 2019 में भारतीय बैंक संघ के मुख्य कार्यकारी की अगुआई में एक समिति बनाई थी। वित्त वर्ष 2020-21 के अंत में देश भर में 1,15,605 ऑनसाइट(बैंक परिसर में) एटीएम और 97,970 ऑफसाइट (बैंक परिसर से अलग) एटीएम थे।