प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज असम के डिब्रूगढ़ में देश के सबसे लंबे रेल-रोड पुल बोगीबील का उद्घाटन करेंगे। 25 दिसंबर को सरकार गुड गवर्नेंस दिवस मना रही है। इसी मौके पर प्रधानमंत्री देश की जनता को पुल की सौगात देंगे। जानिए क्या हैं पुल की खूबियां...
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रेलवे द्वारा निर्मित इस डबल-डेकर पुल से ट्रेन और गाड़ियां दोनों गुजर सकेंगी। ऊपरी तल पर तीन लेन की सड़क बनाई गई है। नीचे वाले तल (लोअर डेक) पर दो ट्रैक बनाए गए हैं। पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि इससे मिलिट्री टैंक भी निकल सकेंगे।
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बोगीबील पुल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है। यह असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल के धेमाजी जिले को जोड़ेगा। इससे असम से अरुणाचल प्रदेश जाने में लगने वाला समय 10 घंटे कम हो जाएगा।
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पुल बनने से डिब्रूगढ़-धेमाजी के बीच की दूरी 500 किमी से घटकर 100 किमी रह जाएगी।
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पुल की लंबाई 4.94 किमी है। पुल ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट को जोड़ेगा।
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बोगीबील पुल के जरिए सेना अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी सीमा पर अपनी पकड़ मजबूत करेगी। यही कारण है कि चीन की चुनौतियों और सेना की जरूरतों को देखते हुए इस पुल को काफी अहम माना जा रहा है। दो प्रदेशों के बीच बने इस पुल की उम्र 120 साल बताई जा रही है।
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1997 में संयुक्त मोर्चा सरकार के प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने पुल का शिलान्यास किया था। 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसका निर्माण शुरू किया था। पुल के पूरा होने में 5920 करोड़ रुपए की लागत आई।
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बीते 16 साल में पुल के पूरा होने की कई डेडलाइन चूकीं। इस पुल से पहली मालगाड़ी 3 दिसंबर को गुजरी। बोगीबील पुल को अरुणाचल से सटी चीन सीमा तक विकास परियोजना के तहत बनाया गया है।