Pakistani firing News: एक महिला ने जम्मू कश्मीर में भारतीय गांवों पर पाकिस्तानी गोलीबारी के खौफनाक मंजर को बयां किया और कहा कि उन्हें इस बात को लेकर राहत है कि गोलीबारी में उनके बच्चे बच गए। गुरुवार को पाकिस्तान द्वारा की गई गोलीबारी में आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
रजनी देवी ने कहा कि मैं अपने बच्चों को खाना खिला रही थी, तभी एक मोर्टार गोला तेज आवाज के साथ फट गया। मुझे छर्रे लगे, लेकिन सौभाग्य से मेरे बच्चे सुरक्षित बच गए।
7 घंटे तक चलती रही गोलीबारी : पाकिस्तानी रेंजर्स ने आरएस पुरा सेक्टर के अरनिया इलाके में बृहस्पतिवार रात लगभग 8 बजे गोलीबारी शुरू की थी और यह लगभग 7 घंटे तक चली थी, जिसमें 38 वर्षीय रजनी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान घायल हो गया था। यह लगभग 5 साल में अरनिया में पाकिस्तान द्वारा किया गया संघर्ष विराम का सबसे बड़ा उल्लंघन था।
काशीपुर की रहने वाली देवी के दाहिने हाथ में चोट लग गई और उनका जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज जारी है। देवी ने कहा कि मैं अपने बच्चों को खाना खिला रही थी तभी एक गोला तेज आवाज के साथ फट गया। मुझे छर्रे लगे लेकिन सौभाग्य से मेरे बच्चे सुरक्षित बच गए।
विस्फोट से डर गए बच्चे : उन्होंने कहा कि बच्चे विस्फोट से डर गए थे। उन्होंने कहा कि मेरे 8 वर्षीय बड़े बेटे को मेरे भाई के घर छोड़ दिया गया था। मेरा छोटा बेटा डेढ़ साल का है और मुझसे बहुत अधिक जुड़ा हुआ है और जाने को तैयार नहीं है। दरअसल, घटना वाले दिन से ही उन्हें बुखार आ रहा है।
देवी ने बताया कि उनके पति और सास अस्पताल में उनकी देखभाल कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही घर लौट आएंगी। उन्होंने कहा कि हमने लगभग पांच साल के बाद अपने गांव में पाकिस्तानी गोलाबारी का सामना किया, जिससे स्थानीय लोगों में डर पैदा हो गया। मेरे बच्चे छोटे हैं और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हूं।
रजनी की सास रानी ने कहा कि पाकिस्तान ने छोटे हथियारों से गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन शुरू किया और बाद में मोर्टार से गांव पर हमला करना शुरू कर दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोनी सिंह ने कहा कि महिला और बीएसएफ जवान की हालत स्थिर है और उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। (भाषा)