अहमदाबाद। आय घोषणा योजना (आईडीएस) के अंतिम दिन 30 सितंबर को इसकी समय-सीमा समाप्त होने से मात्र पांच मिनट पहले आधी रात को करीब 13 हजार 860 करोड़ रुपए के काले धन (सारी नकदी) की घोषणा कर आयकर अधिकारियों तक को कथित तौर पर चकरा देने वाले अहमदाबाद निवासी एक रहस्यमय व्यक्ति ने अब अपने अजीबोगरीब रवैए से सबको हैरत में डाल दिया है।
महेश शाह (67) ने उक्त राशि पर योजना के तहत लगने वाले 6237 करोड रुपए के कर (कुल राशि का 45 प्रतिशत) की पहली किस्त के तौर पर करीब 1560 करोड़ रुपए 30 नवंबर तक देने का वादा किया था पर उन्होंने न तो ऐसा किया और न ही अब उनका कुछ अता-पता ही है।
आयकर विभाग उनके यहां स्थित आवास, मुंबई के आवास और कार्यालय तथा राजकोट में उनके कुछ परिचितों के ठिकानों और उनकी घोषणा में मदद करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म अप्पाजी एंड कंपनी के कार्यालय पर पिछले तीन दिनों में छापेमारी कर चुकी है पर कोई बडी बरामदगी नहीं हुई है।
मजे की बात है कि इतनी बड़ी रकम का खुलासा करने वाले शाह को यहां या मुंबई के व्यापार अथवा व्यवसाय जगत में कोई नहीं जानता। अहमदाबाद और मुंबई में उसके दो सामान्य से आवास होने की ही बात अब तक सामने आई है।
यहां जोधपुर इलाके के अर्पाटमेंट में उनके आवास में रहने वाले उसके पुत्र मोनीतेश ने हालांकि इस घोषणा की जानकारी होने से इंकार किया पर उसने कहा कि उसके पिता कहीं भागे नहीं हैं। वह उचित समय पर सामने आएंगे। उसने कहा कि उसके पिता एक जिम्मेदार नागरिक हैं और भगोड़े नहीं हैं पर पिछले करीब एक माह से अहमदाबाद में नहीं है।
उनके सीए तेहमुल सेठ ने शुक्रवार को बताया कि वह शाह को 2013 से जानते हैं और वह उनके कोई नियमित मुवक्किल नहीं थे। वह 30 सितंबर की रात उनके पास आए थे और उन्होंने अपने पास 13 हजार 860 करोड़ की नकदी होने की बात कही थी। वह उन्हें लगभग आधी रात को यहां आयकर आयुक्त के पास ले गए थे, जिन्होंने पूरा सहयोग करते हुए उनसे उनकी घोषणा ली थी।
उन्होंने अपना कोई व्यवसाय नहीं बताया था और यह कहा था कि उनके पास पूरा पैसा नकदी के तौर पर है। उन्हें 14 अक्टूबर को फार्म नंबर 2 भरने को दिया गया था और उन्होंने 30 नवंबर तक कर की पहली किश्त भरने की बात कही थी। इसके बाद भी वह लगातार मेरे संपर्क में थे। उन्होंने आयकर विभाग से भी इतनी बड़ी नकदी को जमा कराने के लिए सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही थी। पर उन्होंने पैसा जमा नहीं किया। कुछ समय से उनका फोन बंद है।
सेठ ने कहा कि उन्हें कभी यह संदेह नहीं हुआ कि वह झूठ बोल रहे हैं। हालांकि अब उनकी माली हालत और दावे के बारे में कई तरह की बातें कही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि शाह को उन्होंने आयकर की कार्रवाई से बचने के लिए कर की थोड़ी थोड़ी राशि भी जमा कराने को कहा था, पर उन्होंने ऐसा भी नहीं किया।
एक प्रश्न के उत्तर में सेठ ने कहा कि शाह ने अपनी घोषणा में अपना कोई पेशा नहीं बताया पर हमारी जानकारी के अनुसार वह जमीन की खरीद बिक्री के कारोबार में हैं। वह मूल रूप से अहमदाबाद के निवासी हैं पर उनका कामकाज मुंबई में है। (वार्ता)