जम्मू। वैष्णोदेवी के तीर्थ स्थान पर श्रद्धालुओं की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। थोड़ी-थोड़ी बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या कटड़ा के व्यापारियों में आस का दीप जरूर जगमगा रही है। इसकी खातिर प्रशासन भी सहयोग कर रहा है ताकि अर्थव्यवस्था की कमर सीधी हो सके।
इस वर्ष के पहले 3 माह में पहली लहर में कमी के चलते श्रद्धालुओं की संख्या निरंतर बढ़ रही थी और एक समय ऐसी आ गया था जब प्रतिदिन 15000 से 20000 श्रद्धालु रोजाना मां वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए पहुंच रहे थे, परंतु एक बार फिर कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया।
हालांकि कोरोना महामारी की दूसरी प्रचंड लहर के बावजूद वैष्णोदेवी के पवित्र कपाट श्रद्धालुओं के लिए निरंतर खुले रहे परंतु श्रद्धालुओं की संख्या एक बार फिर धरातल पर आ गई और अब जबकि कोरोना महामारी के मामलों में गिरावट निरंतर जारी है जिसको लेकर प्रशासन ने थोड़ी-बहुत ढील व्यपारी वर्ग को दी है।
वर्तमान में एक और जहां सप्ताह के 3 दिन यानी कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को आधार शिविर कटड़ा में सभी प्रकार के व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहेंगे, पर दूसरी ओर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दवाई की दुकान के साथ ही ढाबा आदि कटड़ा में रोजाना खुले रहेंगे, ताकि श्रद्धालुओं को खाने-पीने को लेकर किसी भी तरह की परेशानी न हो।
एक ओर जहां कोरोना महामारी को लेकर भवन मार्ग पर स्थापित स्थानीय अधिकांश दुकानें फिलहाल बंद पड़ी हुई हैं, वहीं दूसरे ओर श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के भोजनालय के साथ ही जलपान केंद्र आदि पूरी तरह से खुले हुए हैं। इसके साथ ही वैष्णोदेवी भवन पर बाजार भी निरंतर खुला हुआ है ताकि श्रद्धालुओं को खाने-पीने को लेकर कोई परेशानी न हो।
वर्ष के पहले 5 महीनों में कुल 1689698 श्रद्धालु वैष्णोदेवी के दर्शन कर चुके हैं। जारी वर्ष के प्रथम यानी कि जनवरी माह में कुल 408061 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णोदेवी के चरणों में हाजिरी लगाई थी तो वहीं फरवरी माह में 389549 श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे थे।
इसी तरह मार्च महीने में कुल 525198 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णोदेवी के चरणों में हाजिरी लगाई। अप्रैल माह में कुल 321735 श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे थे तो इसी तरह मई माह में कुल 45155 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णोदेवी के अलौकिक दर्शन किए। वर्तमान में 2 से ढाई हजार श्रद्धालु निरंतर मां वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं।