Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे भारत और चीन, मोदी और शी का व्यापार और निवेश पर जोर

हमें फॉलो करें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे भारत और चीन, मोदी और शी का व्यापार और निवेश पर जोर
, शनिवार, 12 अक्टूबर 2019 (22:11 IST)
मामल्लापुरम (तमिलनाडु)। भारत और चीन ने सहयोग का नया अध्याय शुरू करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मंत्री स्तरीय व्यवस्था बनाने और रक्षा तथा सुरक्षा गठजोड़ को प्रगाढ़ करने पर सहमत हुए हैं।

इस दौरान चीन ने भारत की उन चिंताओं पर ध्यान देने का भरोसा दिलाया जिसमें दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे और प्रस्तावित क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) वार्ता की ओर ध्यान दिलाया गया था। दोनों देश सीमाओं पर शांति बनाए रखने के लिए रणनीतिक संचार को मजबूत करने का समझौता करने पर भी सहमत हुए हैं ताकि सेनाओं के बीच आपसी भरोसे को बढ़ाया जा सके।

विदेश सचिव विजय गोखले ने शिखर सम्मेलन के अंत में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस दौरान कश्मीर के मुद्दे पर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई, हालांकि चीनी नेता ने मोदी को इस सप्ताह हुई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बीजिंग यात्रा के बारे में बताया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने, एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'चेन्नई संपर्क' के जरिए भारत और चीन के संबंधों में सहयोग का आज से एक नया युग शुरू होने जा रहा है।

अनौपचारिक शिखर वार्ता के दूसरे एवं अंतिम दिन मामल्लापुरम के एक लक्जरी रिजॉर्ट में शी के साथ शिष्टमंडल स्तर पर हुई अपनी बातचीत में मोदी ने ध्यान दिलाया कि ‘भारत और चीन पिछले 2,000 साल में ज्यादातर समय वैश्विक आर्थिक शक्तियां रहे हैं और धीरे-धीरे उस चरण की तरफ लौट रहे हैं। मोदी ने कहा कि हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है। हमने तय किया है कि हम एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे।

मोदी ने पिछले साल चीनी शहर वुहान में शी के साथ अपनी पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता के परिणामों का जिक्र करते हुए कहा कि वुहान की भावना ने हमारे संबंधों को नयी गति एवं विश्वास प्रदान किया। ‘चेन्नई संपर्क’ के जरिए आज से सहयोग का नया युग शुरू होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता के बाद से दोनों देश के बीच रणनीतिक संचार बढ़ा है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार शिष्टमंडल स्तर की वार्ताओं से पहले, शी और मोदी के बीच फिशरमैन कोव रिजॉर्ट में आमने-सामने की करीब एक घंटे बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए संबंधों को नए सिरे से निखारने की मंशा का स्पष्ट संकेत दिया गया। दोनों नेताओं को समुद्र तट के पास चहलकदमी करने के दौरान भी बातचीत करते देखा गया। इससे पहले मोदी और शी एक गोल्फ गाड़ी में सवार होकर साथ में रिजॉर्ट पहुंचे।

भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद दोनों देश के बीच तनाव बढ़ने के बीच शी शुक्रवार को यहां पहुंचे थे। शुक्रवार को मोदी और शी ने रात्रिभोज के दौरान करीब ढाई घंटे बातचीत की थी। उन्होंने आतंकवाद तथा कट्टरवाद से मिलकर निपटने और द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने की प्रतिबद्धता जताई थी।

अधिकारियों ने बताया कि इस तटीय शहर में समुद्र के किनारे भव्य मामल्लापुरम मंदिर परिसर में स्थित एक रंगबिरंगे खेमे में कल हुई बैठक तय समय से काफी लंबी चली। इस दौरान दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए जटिल मामलों समेत कई विषयों पर बातचीत की। विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बाद कहा था कि दोनों नेताओं ने बिना किसी सहयोगी के एक साथ अच्छा वक्त गुजारा। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की।

इससे पहले शुक्रवार की दोपहर तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा ‘वेष्टि’ (धोती), सफेद कमीज और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने अच्छे मेजबान की भूमिका निभाते हुए शी को इस प्राचीन शहर की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों ‘अर्जुन तपस्या स्मारक’, ‘नवनीत पिंड’ (कृष्णाज बटरबॉल), ‘पंच रथ’ और ‘मामल्लापुरम मंदिर’ के दर्शन कराए।

इस बीच भारत ने चीनी यात्रियों के लिए बहु प्रवेश केंद्र के साथ पांच साल का पर्यटक ई-वीजा देने की घोषणा की। यह घोषणा राष्ट्रपति शी के दौरे के दौरान की गई। बीजिंग में भारतीय दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसा अनुमान है कि चीनी नागरिकों के लिए ई-टूरिस्ट वीजा में दी गई यह एकतरफा ढील दोनों देश के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाएगा और चीनी पर्यटकों को पर्यटन के लिए भारत को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने खबर दी कि शी और मोदी ने शुक्रवार को अपनी मुलाकात के दौरान संयुक्त विकास एवं समृद्धि हासिल करने के लिए दोनों देश के बीच आपसी संपर्क एवं परस्पर शिक्षा को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

केशव महाराज ने अर्द्धशतकीय पारी के बारे में कहा : सकारात्मक बना रहा