Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से भारत, चीन का पीछे हटना सीमा पर ‘एक समस्या कम’ होने जैसा है : जयशंकर

हमें फॉलो करें लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से भारत, चीन का पीछे हटना सीमा पर ‘एक समस्या कम’ होने जैसा है : जयशंकर
, बुधवार, 14 सितम्बर 2022 (21:55 IST)
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन की सेनाओं का पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटना सीमा पर ‘एक समस्या कम’ होने जैसा है। फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोन्ना के साथ बातचीत के बाद जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए यह बात कही। जयशंकर ने पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव एक देश द्वारा बाधित करने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए चीन पर परोक्ष तंज किया।
 
इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि मैं नहीं समझता कि आज मैं कुछ नया कहूंगा। इसके बजाए मैं मानता हूं कि हम (दोनों देश) पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटे। पीछे हटने का काम मैं समझता हूं कि पूरा हो गया। सीमा पर एक समस्या कम हुई। 
भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी (पेट्रोलिंग प्वाइंट) 15 पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का संयुक्त सत्यापन किया। इससे पहले सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं ने वहां टकराव वाले बिंदु से अपने सैनिकों को वापस हटाने और अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म किया था। यह जानकारी इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वालों ने मंगलवार को दी थी।
 
इस प्रकार से दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया। दोनों देशों के इन क्षेत्र से पीछे हटने का कार्य ऐसे समय में हुआ है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग उज्बेकिस्तान के शहर समदकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं। इसके कारण ऐसी अटकलें लग रही है कि अगले सप्ताह होने वाले इस शिखर बैठक से इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हो सकती है। हालांकि, भारतीय पक्ष या चीनी सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुरुवार को समरकंद पहुंचने और शुक्रवार देर रात स्वदेश लौटने का कार्यक्रम है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मिलेंगे।
 
पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नामित आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव का मार्ग ‘एक देश द्वारा बाधित’ करने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि सूची इसलिये तैयार की जाती है क्योंकि ये सम्पूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिये खतरा हैं।
 
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध किये जाने के संबंध में भारत और फ्रांस कई वर्षो से सहयोग कर रहे हैं। मैं समझता हूं कि आतंकियों की सूची इसलिए तैयार की जाती है क्योंकि आतंकवादी सम्पूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा हैं। 
 
उन्होंने कहा कि अगर कोई सूची का मार्ग बाधित करता है, खासतौर पर ऐसे मामलों में जहां गुण-दोष के आधार पर आगे बढ़ा गया हो तब वह समझते हैं कि ऐसा वे अपने हितों को जोखिम में डालकर करते हैं।
 
पिछले महीने चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्ष परिषद में पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद संगठन के उप प्रमुख अब्दुल राऊफ अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के कदम को बाधित कर दिया था। चीन ने इस संबंध में भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी थी।
 
हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रूख के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा कि समान विचार वाले देशों के लिये क्षेत्र में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि के लिये मिलकर काम करने की जरूरत है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रक्तवन ग्लेशियर एवं अन्य 3 पर्वत चोटियों पर होगी जड़ी-बूटियों की खोज