Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चीन से तनातनी के बीच 2 दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख, तैयारियों का लिया जायजा

हमें फॉलो करें चीन से तनातनी के बीच 2 दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख, तैयारियों का लिया जायजा
, मंगलवार, 23 जून 2020 (23:22 IST)
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में सेना की तैयारियों का जायजा लिया। वे क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां पिछले हफ्ते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
 
सेना के अधिकारियों ने बताया कि लेह पहुंचने के तुरंत बाद जनरल नरवणे ने सेना के अस्पताल का दौरा किया जहां 15 जून को गलवान घाटी में घायल हुए 18 सैनिकों का उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने लगभग सभी घायल सैनिकों से बातचीत की और बहादुरी के लिए उनकी प्रशंसा की।
 
एक संकरी घाटी में समझौते का उल्लंघन करते हुए चीन की सेना द्वारा निगरानी पोस्ट बनाए जाने को लेकर गलवान घाटी में संघर्ष हुआ जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए।
 
अस्पताल का दौरा करने के बाद नरवणे ने नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
 
घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि समझा जाता है कि उन्होंने चीन की तरफ से किसी भी तरह के दु:साहस से निपटने के लिए उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए। क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे में सेना प्रमुख कई अग्रिम मोर्चे का भी दौरा करेंगे। जनरल नरवणे ने लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल से भी बातचीत की।
 
पिछले हफ्ते एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर हवाई अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना की तैयारियों की समीक्षा की थी।
 
लेह रवाना होने से पहले जनरल नरवणे ने सेना के शीर्ष कमांडरों के दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम सत्र में हिस्सा लिया। कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर विस्तार से चर्चा की।
 
लेह में जनरल नरवणे, चीन से लगी संवेदनशील सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली 14वीं कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से भी विस्तृत बातचीत करने वाले हैं।
 
सोमवार को लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन के साथ तनाव कम करने के लिए तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन के साथ 11 घंटे बैठक की थी। बैठक में दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में संघर्ष वाले सभी स्थानों से ‘परस्पर सहमति’ के आधार पर ‘पीछे हटने’ पर सहमत हुए।
 
लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहली वार्ता 6 जून को हुई थी जिस दौरान दोनों पक्ष गलवान घाटी सहित संघर्ष वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने पर सहमत हुए थे।
 
बहरहाल, गलवान में 15 जून को संघर्ष होने के बाद सीमा पर स्थिति और खराब हो गई और दोनों पक्षों ने 3500 किलोमीटर लंबी सीमा के पास अधिकतर स्थानों पर तैनाती बढ़ा दी।
 
सरकार ने रविवार को सशस्त्र बलों को ‘पूरी छूट’ दे दी कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीनी सैनिकों के किसी भी दु:साहस का ‘करारा’ जवाब दें।
 
सेना पिछले एक हफ्ते में सीमा के पास हजारों अतिरिक्त सैनिकों को भेज चुकी है। संघर्ष के बाद भारतीय वायुसेना भी लेह और श्रीनगर सहित कई मुख्य हवाई अड्डों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमान और अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात कर चुकी है।
 
पूर्वी लद्दाख में 5 और 6 मई को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद से स्थिति खराब हो गई। उत्तर सिक्किम में 9 मई को इसी तरह की घटना के बाद पैंगोंग सो में भी हिंसक झड़प की घटना सामने आई।
 
संघर्ष से पहले दोनों पक्ष इस बात पर सहमति जताते रहे थे कि सीमा मुद्दे का अंतिम समाधान होने तक सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखना आवश्यक है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पाकिस्तान के 7 और क्रिकेटर Coronavirus की चपेट में