नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन सेना के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। चीन ने मिसाइलों का रुख भारत की ओर मोड़ दिया है। हालांकि भारतीय सैनिकों से करारा जवाब मिलने के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार PLA ने तनाव के चलते पीएलए तिब्बत मिलिट्री कमांड के 71वें बैटल ग़्रुप के एचजे-10 एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम, पैराट्रुपर्स, स्पेशल फोर्स सहित भारी सैन्य बल तैनात किया है। जानकारी मिली है कि एंटी-एयरक्राफ्ट गन और मिसाइलों का रुख भारत की ओर मोड़ दिया है।
खबरों के मुताबिक चीन पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर के पास अहम चोटियों पर घुसपैठ करना चाहता है। चीन के सैनिक कई बार ऐसी कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन उन्हें हर बार करारा जवाब मिला है।
चीन एलएसी पर लगातार अपनी दादागिरी दिखा रहा है। भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद भी वह सीमा पर लगातार युद्धक सामानों में बढ़ोतरी कर रहा है।
मीडिया खबरों के मुताबिक पीएलए ने हाल ही के अभ्यासों में पठार क्षेत्रों में बमवर्षक, वायुरक्षा सैनिक और पैराट्रूपर्स तैनात कर दिए हैं।
कैप्चर और कंट्रोल के लिए युद्धाभ्यास : चीन की पीएलए तिब्बत मिलिट्री कमांड ने हाल ही में पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत से उत्तर-पश्चिम चीन के गोबी रेगिस्तान में संयुक्त अभ्यास किया।
4,500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर किए इस युद्धाभ्यास में पैराट्रुपर्स और वायुसेना ने भारी उपकरणों और लाइव फायर ड्रिल के जरिए बहुआयामी क्षेत्र पर कब्जा करने और नियंत्रण के लिए अभ्यास शुरू कर दिए हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार ऐसे अभ्यास चीन के विस्तारवादी इरादों के साफ संकेत हैं।
बताया जा रहा है कि लेह-लद्दाख के बर्फीले रेगिस्तानी क्षेत्र को देखते हुए चीनी सेना के अगल-अलग बैटल ग्रुप्स को ऐसे अभ्यास करवाए जा रहे हैं। चीनी सेना किसी भी हाल में भारत की रणनीतिक पोजिशन पर कब्जा कर सैन्य बढ़त बनाने के लिए कोशिश कर रही है।
क्यों बौखलाई हुई है चीनी सेना : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर के पास अहम चोटियों पर भारतीय सेना के नियंत्रण से चीनी सेना बौखलाई हुई है। पीएलए ने सोमवार शाम रेजांग-ला के पास घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया।
बरछे, भाले लेकर आए थे चीनी सैनिक : रेजांग ला के उत्तर में स्थित मुखपरी चोटी और रेकिन ला के पास 50-60 चीनी सैनिक बरछे, भाले और धारदार हथियारों से लैस होकर पूरी तैयारी के साथ गलवान घाटी जैसे धोखे को अंजाम देने की फिराक में आए थे। रणनीतिक रूप से अहम इन चोटियों पर कब्जाने की मंशा से आए पीएलए के सैनिकों ने 10-15 राउंड हवाई फायरिंग भी की।
हालांकि भारतीय सेना ने संयम बरतते हुए बिना गोलीबारी किए ही चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। 15 जून को गलवान घाटी में चीन ने पत्थरों, कील जड़े हुए डंडों और रॉड से हमला कर दिया था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
एलएसी पर तनाव बरकरार : पूर्वी लद्दाख में एलएसी भारत और चीन सेना के बीच तनाव जारी है। खबरों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट, मिसाइल सिस्टम को तैनात किया है। भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।