नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’ के कारण हुई।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा है कि लद्दाख की गलवान घाटी में कुल 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। इस झड़प के पहले से ही दोनों पक्षों के बीच सीमा पर गतिरोध चल रहा है।
इससे पहले दिन में भारतीय सेना ने कहा था कि भारत के एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं। सरकारी और सैन्य सूत्रों ने कहा है कि चीन को भी नुकसान हुआ है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन सैन्य और राजनयिक संवाद के जरिए पूर्वी लद्दाख में सीमाई क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए चर्चा कर रहे हैं तथा वरिष्ठ कमांडरों के बीच छह जून को सार्थक बातचीत हुई थी। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष तनाव दूर करने की प्रक्रिया को लेकर सहमत हुए थे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इसके बाद उच्च स्तर पर बनी सहमति के आधार पर फैसले को लागू करने के लिए समूह कमांडरों ने सिलसिलेवार बैठकें की। हमें आशा थी कि यह सुगम तरीके से होगा लेकिन चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में बनी सहमति से अलग चले गए।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं। हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं।’
श्रीवास्तव ने कहा, हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है और वार्ता के जरिए मतभेद दूर होने चाहिए। उन्होंने कहा, इसके साथ ही, हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जताई चिंता : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से 'अधिकतम संयम' बरतने का आग्रह किया। गुतारेस के प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता एरी कनेको ने दैनिक प्रेस वार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी। कनेको ने कहा, 'भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर हम चिंता प्रकट करते हैं और दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं।' (भाषा)