नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के समाधान के लिए चीन से बातचीत करना जारी रखेगा ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्ष के सभी बिंदुओं पर सैनिकों के पीछे हटने और शांति बहाली के उद्देश्य हासिल किए जा सकें। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने यह बात कही।
उनसे पूछा गया था कि क्या चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में अपने सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की है? मुरलीधरन ने कहा कि चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने 19 फरवरी को मरणोपरांत चीनी सैनिकों को मानद सम्मान एवं प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं के अनुसार ये मानद सम्मान जून 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष में सैनिकों की भूमिका के मद्देनजर प्रदान किया गया।
गौरतलब है कि गलवान घाटी संघर्ष के दौरान भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, वहीं चीन ने हाल ही में पहली बार स्वीकार किया कि भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में उसके 5 सैनिक मारे गए थे। विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के समाधान के लिए चीन से बातचीत करना जारी रखेगी ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्ष के सभी बिंदुओं पर सैनिकों के पीछे हटने और शांति बहाली के उद्देश्य को हासिल किया जा सके। (भाषा)