India's growth rate : भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष 2024-25 में वैश्विक चुनौतियों के कारण घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। घरेलू गतिविधियां जुझारू बनी हुई हैं और वैश्विक वृद्धि पहले से ही बाधित है तथा आगे चलकर स्थिति और खराब होने की संभावना है।
एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री नीलकांत मिश्रा ने सोमवार को यह अनुमान लगाया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए अपना वृद्धि दर अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। मिश्रा ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के जोखिम के साथ सात प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया।
उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाते हुए इसके लिए निकट भविष्य में वैश्विक संकट और बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया। मिश्रा ने कहा कि घरेलू गतिविधियां जुझारू बनी हुई हैं और वैश्विक वृद्धि पहले से ही बाधित है तथा आगे चलकर स्थिति और खराब होने की संभावना है।
मिश्रा ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में राजकोषीय घाटे से वृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि लंबे समय से मंदी की आशंका एक वास्तविकता होगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour