मंगलुरु (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास 'विकसित भारत' के निर्माण का मार्ग है और यही लोगों की आकांक्षा है। आज भारत की बंदरगाह क्षमता हुई दोगुनी हो गई है। यह डबल इंजन की सरकार देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है। इस दौरान उन्होंने 3,800 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।
उन्होंने चुनावी राज्य कर्नाटक में लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को तेजी से पूरा करने के लिए भाजपा सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का भारत, आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास पर इतना ध्यान दे रहा है, क्योंकि यही विकसित भारत के निर्माण का मार्ग है। आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण सुविधा बढ़ाने के साथ ही बड़े पैमाने पर नए रोजगार का भी निर्माण करता है। अमृतकाल में हमारे बड़े संकल्पों की सिद्धि का रास्ता भी यही है।
प्रधानमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है। देश की जनता की आकांक्षा, हमारी सरकार के लिए जनता के आदेश की तरह है। देश के लोगों की आकांक्षा है कि भारत में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा हो। आज देश के कोने-कोने में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है।
प्रधानमंत्री करीब 3,800 करोड़ रुपए की मशीनीकरण और औद्योगिकीकरण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इन परियोजनाओं में न्यू मंगलुरु बंदरगाह प्राधिकरण (एनएमपीए) द्वारा शुरू किए गए बर्थ (जहाज के रुकने के स्थान) के मशीनीकरण के लिए 280 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना भी शामिल है।
उन्होंने बंदरगाह प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई करीब 1,000 करोड़ रुपए की 5 परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलुरु रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा शुरू की गई 2 परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जो बीएस-6 उन्नयन परियोजना और विलवणीकरण संयंत्र से संबंधित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के विनिर्माण क्षेत्र और 'मेक इन इंडिया' का विस्तार करना बहुत आवश्यक है और विकसित भारत के निर्माण के लिए जरूरी है कि हमारा निर्यात बढ़े, दुनिया में हमारे उत्पाद, लागत के मामले में प्रतिस्पर्धी हों। ये सस्ते और सुगम लॉजिस्टिक्स के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में देशभर में बुनियादी ढांचे के विकास को जिस प्रकार देश ने प्राथमिकता बनाया है, उसका बहुत अधिक लाभ कर्नाटक को मिला है और वह सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। उन्होंने तेज व सस्ते इंटरनेट की मांग का जिक्र करते हुए तटीय इलाकों में पर्यटन खासकर क्रूज टूरिज्म की संभावनाओं को रेखांकित किया।
उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का भी जिक्र करते कहा कि कुछ दिनों पहले जो आंकड़े आए हैं, वो दिखा रहे हैं कि भारत ने कोरोना काल में जो नीतियां बनाईं, वे कितनी महत्वपूर्ण थीं। उन्होंने कहा कि पिछले साल इतने वैश्विक व्यवधानों के बावजूद भारत ने 67 अरब डॉलर यानी 50 लाख करोड़ रुपए का कुल निर्यात किया।(भाषा)