नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मुंबई में नौसैनिक बंदरगाह पर स्वदेश विकसित मिसाइल विध्वंसक पोत आईएनएस विशाखापत्तनम का जलावतरण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी स्तर पर डिजाइन किए गए आईएनएस विशाखापत्तनम के कमीशन किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया है।
यह विध्वंसक पोत युद्ध चुनौतियों से निपटने में नौसेना की क्षमता और ताकत बढ़ाने में सक्षम है। इसके साथ ही विशाखापत्तनम श्रेणी के चार विध्वंसक पोतों में से पहला पोत नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल हो गया।
इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र अधिक आत्मनिर्भर हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक के रूप में, भारत सार्वभौमिक सिद्धांतों और शांतिपूर्ण, मुक्त, नियम-आधारित स्थिर समुद्री व्यवस्था का समर्थन करता है।
साथ ही कहा कि भारत नौवहन की स्वतंत्रता, मुक्त व्यापार और सार्वभौमिक मूल्यों के साथ एक नियम-आधारित हिंद-प्रशांत की कल्पना करता है, जिसमें भाग लेने वाले सभी देशों के हितों की रक्षा हो।
सिंह ने कहा कि हिंद-प्रशांत को खुला और सुरक्षित रखना भारतीय नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य बन गया है। सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत के हित सीधे हिंद महासागर से जुड़े हुए हैं और यह क्षेत्र विश्व अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
आईएनएस विशाखापत्तनम के कमांडिंग ऑफिसर बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि नौसेना में शामिल होने के बाद इस पोत के कुछ और परीक्षण किए जाएंगे।