नई दिल्ली/बालासोर। चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने हाल के दिनों में कई मिसाइलों और डिफेंस सिस्टम्स का सफल परीक्षण किया है। इसी लिस्ट में शौर्य भी शामिल हो गई है। 'शौर्य' मिसाइल के नए वर्जन का सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया है। यह मिसाइल करीब 800 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को ध्वस्त कर सकती है। 'शौर्य' जमीन से जमीन में मार करने वाली मिसाइल है। यह अपने साथ न्यूक्लियर पेलोड ले जाने में सक्षम है।
ये हैं खूबियां : यह पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का जमीनी रूप है। टू-स्टेज रॉकेट वाली यह मिसाइल 40 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने से पहले आवाज की 6 गुना रफ्तार से चलती है। उसके बाद यह लक्ष्य की ओर बढ़ती है। यह मिसाइल सॉलिड फ्यूल से चलती है लेकिन क्रूज मिसाइल की तरफ खुद को टारगेट तक गाइड कर सकती है।
मिसाइल की गति इतनी तेज है कि सीमा पार बैठे दुश्मन के रडार को इसे डिटेक्ट, ट्रैक करने और इंटरसेप्ट करने के लिए 400 सेकंड्स से भी कम का समय मिलेगा। इसे कम्पोजिट कैनिस्टर में स्टोर किया जा सकता है यानी आसानी से छिपाकर ले जाया जा सकता है।
सतह से सतह पर मार करने वाली इस सामरिक मिसाइल को अपराह्न 12 बजकर 10 मिनट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर चार से प्रक्षेपित किया गया। यह मिसाइल 10 मीटर लंबी है और इसका व्यास 74 सेमी और वजन 6.2 टन है। इसके दो चरण ठोस प्रणोदक का इस्तेमाल करते हैं। सूत्रों ने इस परीक्षण को सफल बताया। अत्याधुनिक मिसाइल पूरी सटीकता के साथ बंगाल की खाड़ी में अपने तय बिंदु पर पहुंची।
सूत्रों ने बताया कि इस परीक्षण के दौरान मिसाइल पर विभिन्न दूरमापी स्टेशनों और रडार से नजर रखी गई और उसने अच्छा प्रदर्शन किया। सूत्रों ने कहा कि डीआरडीओ अधिकारियों ने शौर्य को उच्च प्रदर्शन वाली नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणालियों, कुशल प्रणोदन प्रणालियों, अत्याधुनिक नियंत्रण प्रौद्योगिकियों और कनस्तर प्रक्षेपण प्रणाली के साथ दुनिया की शीर्ष 10 मिसाइलों में से एक बताया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 1,000 किलोमीटर के बीच है और यह 200 किलोग्राम से 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है।
उन्होंने बताया कि इस मिसाइल को लाना-ले जाना आसान है। इसे ट्रक पर रखे कनस्तरों से भी दागा जा सकता है। ट्रक को प्रक्षेपण स्थल बनाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि ‘शौर्य’ मिसाइल को ऐसे स्थानों पर रखा जा सकता है, जहां इस पर दुश्मन की नजर नहीं पड़ सके। उपग्रह से ली गई तस्वीरों की मदद से भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए हैं। अब पिनाक रॉकेट्स, लॉन्चर्स और जरूरी उपकरणों के बड़े पैमाने पर उत्पादन की तैयारी है। पिनाक एक फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है जिसकी रेंज 37.5 किलोमीटर है। पिनाक रॉकेट्स को मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर से छोड़ा जाता है। लॉन्चर सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट्स दाग सकता है।