नई दिल्ली। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की आपत्तियों के बीच भारत ने मंगलवार को कहा कि आध्यात्मिक गुरु की यात्रा पर कोई कृत्रिम विवाद पैदा नहीं किया जाना चाहिए।
दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश दौरे पर वक्तव्य में गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने भी कहा कि उनकी अरूणाचल यात्रा पूरी तरह धार्मिक है और इसका कोई राजनीतिक तात्पर्य नहीं निकाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के पीछे कोई सियासी कोण नहीं है। यह पूरी तरह धार्मिक है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन को उनके दौरे पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और ना ही चीन को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देना चाहिए। रिजीजू ने कहा कि भारत ने कभी भी चीन के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दिया और वह चीन से भी ऐसी ही उम्मीद रखता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने अनेक मौकों पर स्पष्ट तौर पर कहा है कि दलाई लामा एक पूज्यनीय धर्मिक नेता है जिनका भारतीय लोग बहुत सम्मान करते हैं।
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों तथा भारत के विभिन्न राज्यों की उनकी यात्रा को अतिरिक्त रंग नहीं दिया जाना चाहिए। बयान में कहा गया कि सरकार आग्रह करती है कि उनकी अरुणाचल प्रदेश की वर्तमान यात्रा पर कोई कृत्रिम विवाद नहीं पैदा किया जाना चाहिए। दलाई लामा की यह यात्रा आज से शुरू हो रही है जिस पर चीन नजर बनाए हुए है।
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत को चेतावनी दी थी कि दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर क्षति पहुंचेगी। (भाषा)