India Retaliatory Tariff on USA : भारत ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत है। भारत ने डब्ल्यूटीओ को इस बारे में जानकारी दी है। भारत ने बताया कि अमेरिका ने जो शुल्क लगाए हैं, वे नियमों के अनुसार नहीं हैं, इसलिए भारत को भी जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है। अमेरिका ने ऑटोमोबाइल सेक्टर पर सुरक्षा के नाम पर टैरिफ लगाए थे। इसके जवाब में भारत ने यह कदम उठाया है। जब किसी सामान पर टैरिफ बढ़ाया जाता है तो वह आयातित सामान महंगा हो जाता है। इससे घरेलू बाजार में उसकी मांग कम हो जाती है।
खबरों के अनुसार, भारत ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत है। भारत ने बताया कि अमेरिका ने जो शुल्क लगाए हैं, वे नियमों के अनुसार नहीं हैं, इसलिए भारत को भी जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार है।
भारत ने यह कदम डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के साथ ट्रेड डील पर चल रही बातचीत के बीच उठाया गया है। भारत ने WTO के वस्तु व्यापार परिषद को सूचित किया था कि ऑटोमोबाइल पर राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में वह अमेरिका से आयात होने वाले कुछ वस्तुओं पर रियायतों या अन्य दायित्वों को कम कर देगा।
इस साल 26 मार्च को अमेरिका ने भारत से आने वाले ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर सेफगार्ड उपाय के तौर पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया, जो 3 मई 2025 से लागू हो गया। इस टैरिफ में हल्के ट्रक, कार, लिथियम-आयन बैटरी, टायर, स्पार्क प्लग वायर, शॉक एब्जार्बर, इंजन, ट्रांसमिशन जैसी चीजों को शामिल किया गया है, हालांकि ट्रंप ने इन विनियमों का रजिस्ट्रेशन WTO में नहीं कराया है।
इन शुल्कों से भारत के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसके जवाब में भारत ने भी यह तय किया है कि वह अमेरिका से आने वाले कुछ विशेष उत्पादों पर टैरिफ (आयात शुल्क) बढ़ाएगा। जब किसी सामान पर टैरिफ बढ़ाया जाता है तो वह आयातित सामान महंगा हो जाता है। इससे घरेलू बाजार में उसकी मांग कम हो जाती है।
Edited By : Chetan Gour