भारतीय सेना के पैरा कमांडो ने जिस तरह से सफलतापूर्वक पाक अधिकृत कश्मीर में अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया, उससे देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। जिस तरह सोना तपकर और निखर जाता है, इसी तरह इन कमांडोज का प्रशिक्षण भी बहुत कठोर होता है।
यूं तो एक कमांडो हर मौसम और भौगोलिक स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार होता है, लेकिन ऐसी भी जानकारी है कि अब अलग भौगोलिक स्थितियों में ऑपरेशन चलाने के लिए अलग से कमांडो बनाए जा रहे हैं। ताकि पहाड़ी इलाकों या फिर रेतीले क्षेत्र में अभियान के लिए ये कमांडो काफी दक्ष और कारगर साबित हों।
पता चला है कि एक कमांडो दस्ता सिर्फ चीन को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह टीम चीनी इलाकों में मिशन के लिए खास तौर से तैयार की गई है। उस तरह की भौगोलिक स्थितियों के हिसाब से इस टीम को कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है। उल्लेखनीय है कि आए दिन चीन की तरफ से अरुणचल और लद्दाख में घुसपैठ की खबरें आती रहती हैं। ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाने में ये कमांडो काफी सहायक सिद्ध होंगे।
दरअसल, इस तरह के कमांडो स्थानीय लोगों के बीच काफी घुले-मिले होते हैं, खासकर गड़रियों से। पाकिस्तान सीमा हो या फिर चीन की सीमा, ये गड़रिए आमतौर पर सीमाएं पार कर जाते हैं। ऐसे में इन कमांडो को उनकी मदद मिल जाती है। उनसे दुश्मन के बारे में जानकारियां हो जाती हैं।
पीओके कार्रवाई के बारे में भी कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई को हफ्ते भर पहले ही अंजाम दिया जाना था, लेकिन दुश्मन पक्ष को इसकी भनक लग गई थी और उन्होंने अपने कैंप पीछे सरका लिए थे। इस मिशन को अंजाम देने के लिए फिर से पूरी तैयारी की गई और पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।