Rajouri Jammu Kashmir News : जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में बुधवार को सीमा पार से गोलीबारी हुई, जिसमें भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया। सूत्रों ने बताया कि जवान सीमा पार से हुए संदिग्ध स्नाइपर हमले में घायल हुआ है। यह सच है कि एलओसी पर 21 सालों से जारी सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाट की घटनाओं से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी इन घटनाओं में अभी तक उसके 151 के करीब जवानों की होने वाली मौत है और उसकी हालत यह है कि वह इसके लिए किसी को दोषी ठहराने की स्थिति में इसलिए नहीं है क्योंकि अगर ऐसा करती है तो सीजफायर दांव पर लग जाता है।
हालांकि आज घायल हुए जवान को बेहतर उपचार के लिए उधमपुर के कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, घायल जवान की पहचान मान कुमार बेगा के रूप में हुई है। दो सप्ताह पहले भी संदिग्ध आतंकियों ने एलओसी पार से राजौरी जिले के सुंदरबनी सेक्टर के एक गांव में सेना के वाहन पर गोलीबारी की थी। जब सेना का काफिला राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर के फाल गांव से गुजर रहा था, तभी संदिग्ध आतंकियों ने वाहन पर कुछ गोलियां चलाईं।
वैसे भारतीय सेना ने पिछले महीने भारत-पाकिस्तान सीमा पर अस्थिरता की खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि एलओसी पर संघर्ष विराम दोनों सेनाओं (भारत और पाकिस्तान) के बीच समझ के अनुसार बरकरार है पर यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि एलओसी पर रहस्यमयी गोलीबारी से कोई जवान जख्मी हुआ हो या फिर शहीद हुआ हो बल्कि 21 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में यह 165वीं घटना है और 151 जवान शहीद हो चुके हैं। जबकि वर्ष 2020 में सेना ने एलओसी पर ऐसी गोलीबारी में 7 जवानों को खो दिया था।
दरअसल इन रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं के पीछे पाक सेना के वे निशानेबाज हैं जो स्नाईपर राइफलों से भारतीय जवानों को निशाना बना रहे हैं। कई बार फ्लैग मीटिंगों में भारतीय पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है लेकिन हर बार पाक सेना ऐसी किसी गोलीबारी की घटना से इनकार कर चुकी है।
नतीजतन रहस्यमयी गोलीबारी, जिसके पीछे भारतीय पक्ष के मुताबिक पक्के तौर पर पाक सेना और उसके वे आतंकी पिट्ठू हैं जो सीमा के उस पार पाक सीमा चौकियों पर शरण लिए हुए हैं, से सेना परेशान हो उठी है। ऐसी दशा में सेना के पास ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं और घुसपैठ के बढ़ते दबाव से निपटने का एक ही रास्ता बचा है और वह यह है कि एलओसी पर जारी सीजफायर समाप्त हो जाए। एक सेनाधिकारी के बकौल, सीजफायर ने पाक सेना को अपनी पोजीशन मजबूत करने और घुसपैठ को कारगार ढंग से अंजाम देने का मौका दिया है।
वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर शांति बनी रही थी पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थीं।
फिर जब इसके प्रति जानकारियां सामने आईं तो वे चौंकाने वाली थीं कि ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाटों के पीछे पाक सेना के प्रशिक्षित कमांडों के साथ-साथ वे आतंकी भी थे जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऐसी ट्रेनिंग दे रही थी, हालांकि सीजफायर के 21 सालों के दौरान एलओसी पर स्नाइपर गोलीबारी 152 के करीब भारतीय जवानों की जानें ले चुकी है और पाकिस्तान ऐसी गोलीबारी के लिए हमेशा ही आतंकियों को दोषी ठहराता आया है।