नई दिल्ली। सुरक्षा एजेंसियों ने पाया है कि नेपाल और भूटान से लगती भारतीय सीमाओं पर चीन के करीब 4 दर्जन अध्ययन केंद्र और मठ मौजूद हैं, जो कथित तौर पर दुष्प्रचार के कार्यक्रमों में शामिल हैं।
यह घटनाक्रम ऐसे समय प्रकाश में आया है, जब जम्मू-कश्मीर में बर्फीले मोर्चे पर अक्सर चीनी सैनिकों की घुसपैठ होती रही है जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच दीर्घकालिक सीमा विवाद उत्पन्न हो रहा है।
इन दोनों मोर्चों पर खुफिया सूचना जुटाने वाली अग्रणी एजेंसी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाली क्षेत्र में 22 चीनी अध्ययन केंद्र अस्तित्व में आ गए हैं। इनमें से 11 केंद्र 1,751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा पर संचालित हो रहे हैं।
चीन के हमले के मद्देनजर 1963 में स्थापित एसएसबी इन खुली सीमाओं पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत सीमा प्रहरी बल भी है।
एक सूत्र ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ये केंद्र चीनी संस्कृति, परंपराओं, अध्यापन और अर्थव्यवस्था का नेपाल की जनता में प्रचार कर रहे हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में चिंता का विषय है, क्योंकि नेपाल और भूटान से लगती भारत की सीमाएं खुली हैं और वहां इन देशों के नागरिकों की गतिविधि पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।
पीटीआई की पहुंच वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये केंद्र भारत के साथ मजबूत व्यापारिक, आर्थिक संबंध रखने वाले नेपाल के तराई क्षेत्रों में, खासकर झापा और इलाम जिलों में अपने कार्य को फैलाने पर विशेष जोर दे रहे हैं। (भाषा)