नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत राजनयिकों के कार्य के लिए सुरक्षित और निर्भय माहौल उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करता है लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं करता। विदेश मंत्रालय ने यह बात पाकिस्तान के कथित आरोपों के बाद कही है।
पाकिस्तान ने भारत पर कथित आरोप लगाया है कि भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग के कर्मचारियों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के उच्चायोग ने भारतीय विदेश मंत्रालय के संज्ञान में ऐसी कुछ घटनाओं का लाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि नि:संदेह इन सभी घटनाओं की जांच की जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान के बारे में यह बात नहीं की जाती है। भारतीय राजनयिकों ने हालांकि इस मुद्दे को मीडिया में लाने की बजाय शांति से इस मामले का राजनयिक हल निकालने का प्रयास किया है। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग लंबे समय से विशेष पिछले 1 वर्ष से परेशानी का सामना कर रहे रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार 16 फरवरी को भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान के विदेश सचिव से मुलाकात कर भारतीय राजनयिकों की संपत्ति और कर्मियों के साथ हो रहे उपद्रव को लेकर कड़ा विरोध जताया था। इस्लामाबाद में भारत की आवासीय इमारत में पाकिस्तान की एजेंसियों ने छापा मारा था। आवासीय इमारत का पानी और बिजली आपूर्ति का कनेक्शन काट दिया गया और विदेश सचिव के आश्वासन के बावजूद 2 सप्ताह तक जलापूर्ति कनेक्शन पुन: चालू नहीं किया गया, जबकि पाकिस्तान के उच्चायोग को ऐसी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को कई बार प्रताड़ित कर धमकियां भी दी गईं। एक मामले में अधिकारी के घर को तोड़कर लैपटॉप चोरी कर लिया गया। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के लिए प्रताड़ना कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान की एजेंसियों ने भारतीय उच्चायोग की कार को व्यस्त सड़क के बीच रुकवा दिया ताकि राजनयिक एक कार्यक्रम में हिस्सा न ले सकें।
भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आग्रह किया है कि दोनों देशों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उच्चायोग को भयमुक्त माहौल में काम करने दिया जाए। हम अपनी इस परंपरा को बनाए रखे हुए हैं और आगे भी बनाए रखने के इच्छुक हैं। (भाषा)