नई दिल्ली। कोरोना के कारण लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट आई है, क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.4 प्रतिशत की गति से बढ़ा है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 7.4 प्रतिशत का संकुचन आया था।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा आज मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सितंबर में समाप्त तिमाही में वर्ष 2011-12 के मूल्य पर आधारित जीडीपी 35.73 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 32.97 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 8.4 प्रतिशत अधिक है। सितंबर 2021 में समाप्त तिमाही में इसमें 7.4 प्रतिशत का संकुचन आया था।
आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में पहली छमाही में जीडीपी 68.11 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 59.92 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 15.9 प्रतिशत का संकुचन आया था। कोरोना की दूसरी लहर के कारण अधिकांश संगठनों और समीक्षकों ने दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर के 8 फीसदी के आसपास ही रहने का अनुमान लगाया था लेकिन यह उनकी उम्मीद से बेहतर रहा है।
सीएसओ के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) 32.89 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 30.32 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वर्तमान मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर 17.5 प्रतिशत रही है और वर्तमान मूल्य पर जीवीए वृद्धि दर 16.8 प्रतिशत रही है। वर्तमान मूल्य पर पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 23.9 प्रतिशत रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 13.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
आंकड़ों के अनुसार दूसरी तिमाही में कृषि, वानिकी एवं मत्स्यपालन क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही है जबकि सितंबर 2021 में समाप्त तिमाही में यह 3.0 प्रतिशत रही थी। इसी तरह से खान एवं खनन क्षेत्र में इस अवधि में 15.4 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 6.5 प्रतिशत की गिरावट रही थी। बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य यूटिलिटी सेवाएं 8.9 प्रतिशत की गति से बढ़ी है जबकि सितंबर 2020 की तिमाही में यह दर 2.3 प्रतिशत रही थी। निर्माण क्षेत्र में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जहां 7.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी, वहीं चालू वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।
ट्रेड, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवाओं की वृद्धि 8.2 प्रतिशत रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 16.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वित्त, रियल्टी और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान 9.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं 17.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसमें 9.2 प्रतिशत की कमी आई थी।