नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के जलीय सर्वेक्षण पोत संधायक (INS Sandhayak) को 40 साल तक देश की सेवा के बाद शुक्रवार को विशाखापत्तनम में नौसेना की गोदी में सेवामुक्त कर दिया गया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
इस पोत ने सेवाओं के दौरान देश के पूर्वी तथा पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में करीब 200 बड़े जलीय सर्वेक्षण किए और अनेक छोटे सर्वेक्षण भी किए। उसने अंडमान सागर और पड़ोसी देशों में भी इस तरह के सर्वेक्षण किए।
भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के कारण आयोजित एक सादे और संक्षिप्त समारोह में जहाज को सेवामुक्त किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्वी नौसैनिक कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह की मौजूदगी में सूर्यास्त के समय राष्ट्रीय ध्वज और नौसेना की पताका को नीचे उतारा गया।
इस जहाज की परिकल्पना तत्कालीन चीफ हाइड्रोग्राफर, रियर एडमिरल एफएल फ्रेजर ने की थी, जिन्होंने भारत में इस हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत का डिजाइन और निर्माण भी किया था।
नौसेना मुख्यालय द्वारा डिजाइन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इस जहाज का निर्माण वर्ष 1978 में कोलकाता में शुरू हुआ था। जहाज को भारतीय नौसेना में 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एमके रॉय द्वारा कमीशन किया गया था।