गुवाहटी। सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंडियन ऑइल कार्पोरेशन खुदरा बिक्री केंद्रों पर गड़बड़ी की जांच के लिए अपने पूर्वोत्तर के डिपो और बिक्री केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर रही है। कंपनी ने यह काम देश के कुछ राज्यों में गड़बड़ी के मामले सामने आने के बाद शुरू किया है। कंपनी के इस कदम से पेट्रोल पंपों पर हड़कंप की स्थिति है।
कंपनी ने यह काम 15 जून को शुरू किया था और उसके बाद से उसे निरीक्षण कार्य के दौरान असम, मेघालय और नगालैंड के 14 ईंधन डिपो पर विभिन्न प्रकार की गड़बड़ी का पता चला है।
आईओसी के कार्यकारी निदेशक दीपांकर रे ने कहा, 'हमने यह काम हमारे डिपो से निकलने वाले ईंधन की गुणवत्ता और मात्रा की जांच करने को लेकर शुरू किया है। वास्तव में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में डिपो से ईंधन की निकासी के समय गड़बड़ियां पकड़ी गईं हैं। इसके बाद ही आईओसी ने पूरे देश में इस प्रकार का निरीक्षण करने का फैसला किया है।'
कंपनी ने इसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त विशेष कार्यबल (एसटीएफ) गठित करने का फैसला किया। इस कार्यबल ने 20 प्रतिशत डिपो की औचक जांच का फैसला किया। सभी ईंधन कंपनियों ने इस प्रकार के निरीक्षण का फैसला किया है।
हालांकि, आईओसी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के डीलरों का औचक निरीक्षण करने का फैसला किया और इस काम के लिए उसने 45 टीमें बनाई है जिसमें 100 अधिकारियों को शामिल किया गया है। आईओसी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 879 पेट्रोल पंप हैं जिनमें से 542 अकेले असम में हीं हैं।
कार्यकारी निदेशक ने कहा, 'हालांकि इस निरीक्षण कार्य से ग्राहक को तो फायदा है लेकिन डीलर इसका विरोध करते हैं। इसके लिये हमें काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। निरीक्षण कार्य को 31 जुलाई तक पूरा किया जाना था लेकिन अब लगता है कि यह अगस्त तक खिंचेगा।'
उन्होंने कहा, 'गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद हम तुरंत उस डिपो और पेट्रोल पंप से बिक्री को निलंबित कर देते हैं। हालांकि, जांच पड़ताल पूरी होने, प्रमाणीकरण करने तथा मशीनों को ठीक करने के बाद आठ पेट्रोल पंपों को फिर से चालू किया गया है। आईओसी ने इसके साथ ही ग्राहकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया है। (भाषा)