हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को कहा कि रुपए की मौजूदा स्थिति काफी ठीक-ठाक है और इसके अवमूल्यन के किसी भी प्रयास से मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ सकता है और इससे अवमूल्यन का जो भी लाभ होना होगा, वह गायब हो सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत को चीन के प्रति व्यक्ति जीडीपी के स्तर को प्राप्त करने के लिए अभी काफी सफर तय करना है और देश को लगातार कई और वर्षों तक मजबूत वृद्धि की जरूरत है।
राजन यहां राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायतीराज संस्थान में परिचर्चा में भाग ले रहे थे। वैश्विक नरमी से निपटने के लिए रुपए के अवमूल्यन की संभावना के बारे में एक सवाल पर राजन ने कहा कि रुपए के मूल्य का मुद्दा काफी जटिल है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि निर्यात बढ़ाने के लिए रुपए का अवमूल्यन होना चाहिए। अवमूल्यन के कड़ाई के साथ कई तरीके होते हैं, लेकिन इनमें से बहुत से तरीकों के लिए वित्तीय प्रणाली में उल्लेखनीय कार्रवाई की जरूरत है जिनका इस्तेमाल हमारे पड़ोसी देशों ने लंबे समय तक किया है।
उन्होंने कहा कि इसके कई विपरीत प्रभाव भी हैं। यदि आपको आयात के लिए अधिक भुगतान करना पड़ेगा तो देश में मुद्रास्फीति बढ़ जाएगी। आपको तेल के लिए अधिक भुगतान करना पड़ेगा जिसका मुद्रास्फीतिक असर होगा।
गवर्नर ने कहा कि इससे आपको अवमूल्यन से मिलने वाला लाभ समाप्त हो जाएगा। मेरा मानना है कि आज रुपए का मूल्य काफी ठीक-ठाक है। मुझे नहीं लगता कि किसी समस्या के हल के लिए हमें एक या दूसरी तरफ चलने पर जोर देना चाहिए। (भाषा)