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चीन सीमा पर होगी हजारों अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। लद्दाख सेक्टर में भी चीनी सेना की लगातार घुसपैठ से निपटने की खातिर लद्दाख के मोर्चे  पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती अगले कुछ दिनों में होने की उम्मीद की जा रही है। यही नहीं चीन सीमा पर  माहौल के आने वाले दिनों में और गर्म होने की आशंका इसलिए भी जताई जाने लगी है, क्‍योंकि लद्दाख सेक्टर की जिम्मेदारी संभालने वाली सेना की 14वीं कोर ने चीनी सेना की बार-बार की घुसपैठ से होने वाली फजीहत  और सैनिकों का मनोबल बरकरार रखने की खातिर चीनी घुसपैठ से निपटने को ठोस कार्रवाई की इजाजत मांगी है।
 
हालांकि सैन्य सूत्रों ने अगले कुछ दिनों में लद्दाख सेक्टर में चीन से सटी 525 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण  रेखा और 305 किमी इंटरनेशनल बार्डर पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की तैयारी की खबर की पुष्टि की थी  जबकि आए दिन घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों के विरुद्ध ठोस सैन्य कार्रवाई की मांगी गई इजाजत पर चुप्पी साध रखी थी।
 
याद रहे लद्दाख के कई सेक्टरों खासकर दमचोक, चुमार और चुशूल में चीनी सैनिक लगातार घुसपैठ कर भारतीय सैनिकों को उकसा रहे हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान भी 12 बार चीनी सैनिक चुमार क्षेत्र में घुसपैठ  कर चुके हैं। दो साल पहले तो वे एक बार लगातार 20 दिनों तक दल-बल और भारी हथियारों के साथ डेरा जमाकर बैठे रहे थे और तभी क्षेत्र से हटे थे जब उन्होंने भारतीय फौज को अपने ही इलाके से 25 किमी पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था।
 
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, चीनी सेना की इस ‘बढ़त’ और आए दिन की घुसपैठ लद्दाख मोर्चे की जिम्मेदारी  संभालने वाली सेना की 14वीं कोर के सैनिकों के मनोबल को कम कर रही है। बार-बार की फजीहत के कारण  सैनिकों का मनोबल बहुत हद तक गिर गया है। अधिकारियों के अनुसार, ऐसी परिस्थिति अगर लगातार बनी रही तो आने वाले दिनों में उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
 
यही कारण था कि चीनी सेना के छुपे इरादों और मुंहतोड़ जवाब देने की खातिर भारत सरकार फूंक-फूंक कर  कदम रखने की नीति पर चल रही है। बताया जाता है कि लद्दाख के मोर्चे पर चीनी सीमा पर हजारों अतिरिक्त  जवानों की तैनाती को मंजूरी दे दी गई है। फिलहाल इसका खुलासा नहीं हुआ है कि कश्मीर में आतंकवाद के  मोर्चे पर तैनात जवानों को लद्दाख के मोर्चे पर भेजा जाएगा या फिर पाकिस्तान से सटी एलओसी पर तैनात  जवानों को।
 
अधिकारियों का कहना है कि चीन से सटी 830 किमी लंबी सीमा पर तैनाती कोई आसान काम नहीं है। सीमा पर जिन स्थानों पर चीनी सेना आधे घंटे में पहुंच जाती है वहां भारतीय सैनिकों को सड़कों की गैर मौजूदगी में कई दिन पैदल सफर करना पड़ता है और तभी जाकर वे उस स्थान पर पहुंच पाते हैं, जहां चीनी सैनिक घुसपैठ कर भारतीय जवानों और देश की संप्रभुता को ललकार रहे होते हैं।
 
चीनी सेना की बार-बार की ललकार का भारतीय सेना जवाब देना चाहती है। रक्षाधिकारी कहते हैं कि भारतीय  फौज इसमें सक्षम है। उनका कहना है कि देर सिर्फ निर्देश मिलने की है। मिलने वाली खबरों के मुताबिक, सेना की 14वीं कोर चाहती है कि चीनी सेना के साथ बातचीत के साथ-साथ ठोस कार्रवाई भी की जानी चाहिए, ताकि वह भारतीय क्षेत्र में यूं घुसने की हिम्मत फिर से न दिखा पाए।

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