भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते भारत-पाक सीमा से सटे पंजाब के छह जिलों के 1000 गांवों को खाली करा लिया गया है। इन गांवों में करीब 2 लाख लोग रहते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन रोक दिया है लेकिन हाई एलर्ट जारी है। भारत की सभी सीमाओं पर सारे सुरक्षाबल सतर्क हैं।
भारत पाक की हजारों किलोमीटर की सीमा से 10 किलोमीटर भीतर तक के गांवों में रेड अलर्ट कर दिया गया है। सीमा से लगे इलाकों में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। सीमा से सटे इलाकों के अस्पताल में एमरजेंसी को अलर्ट में रखा गया है।
सीमा से 10 किलोमीटर तक डॉक्टर और सिविल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर उन्हें लगातार सेवा में बने रहने के आदेश दिए गए हैं। हुसैनीवाला बॉर्डर और सादकी बॉर्डर की नाजुकता को देखने के साथ साथ फिरोजपुर सैक्टर और फाजिल्का सैक्टर के सरहदी इलाकों को खाली करवाने की कारवाई शुरू हो गई है। गांवों के सरपंचों को इस बाबत हिदायत दे दी गई है और उनको शाम 5 बजे तक गांव खाली करवाने को कहा है ताकि अगर पाकिस्तान इस इलाकों से फौजी कारवाई करता है तो उसकी चपेट में कोई आम नागरिक ना आए।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी +91-194-2443018 नंबर से भारत में फोन कर जानकारी जुटा रही है। वो स्थानीय लोगों का नाम लेकर फोन कर रहे हैं. खुद को वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोगी बता रहे हैं। ठीक ऐसे ही फोन कॉल उरी हमले से पहले भी आ रही थीं।
उरी के सैनिक और प्रशानिक अधिकारियों ने एक बड़ी बैठक की है जिसमें आपातकाल में नागरिकों को सुरक्षित ठिकानों में पहुंचाने के एमरजेंसी प्लान की रूपरेखा तैयार की गयी। इधर दिल्ली में जैसे ही ऑपरेशन के पूरा होने का ऐलान दिल्ली में हुआ तो पूरे देश में खलबली मच गयी।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी जानकारी दी गयी। शाम को 4 बजे दिल्ली में राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आल पार्टी मीटिंग हुई।
इससे पहले LoC पर सुरक्षा की जानकारी लेने के लिए साउथ ब्लॉक में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता खुद पीएम मोदी ने की और हालात का जायजा लिया।
भारत ने दुनिया को बता दिया है कि उसकी बर्दाश्त की हद खत्म हो चुकी है। अब वो अपने निर्दोष नागरिकों को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. उम्मीद है कि पाकिस्तान इस सर्जरी से सावधान होगा वर्ना उसके दिन अच्छे नहीं होंगे।