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इंदौर सबसे स्वच्छ शहर तो गौंडा सबसे गंदा

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नई दिल्ली , गुरुवार, 4 मई 2017 (20:30 IST)
एम. वेंकैया नायडू से ट्रॉफी लेते हुए इंदौर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़
नई दिल्ली। देश में हुए एक स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर जबकि उत्तरप्रदेश के गौंडा को सबसे अस्वच्छ शहर घोषित किया गया है। परिणाम घोषित होने के बाद इंदौर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ ने ट्रॉफी ग्रहण की। 
 
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सर्वेक्षण के परिणामों का ऐलान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश का ही भोपाल शहर देश के 434 शहरों में स्वच्छता के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। इसके बाद आंध्रप्रदेश के विशाखपट्टनम और गुजरात के सूरत का स्थान है। उन्होंने इसे नागरिकों का फैसला करार दिया।
 
इस सर्वेक्षण में 434 शहरों के रहने वाले कुल मिलाकर 37 लाख लोगों ने अपने शहर के बारे में 6 सवालों पर प्रतिक्रिया दी, जो कि देश की शहरी आबादी का तकरीबन 60 प्रतिशत है। हालांकि दोहरी प्रतिपुष्टि को हटाने के बाद सर्वेक्षण में 18 लाख लोगों की राय पर ही विचार किया गया।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की सफाई के मामले में स्थिति में सुधार आया है और इसने ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ में 32वां स्थान हासिल किया है। यह मोदी सरकार के अहम स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है। पिछले साल इसका स्थान 65वां था और 2014 में 418वां। कर्नाटक का मैसूर शहर पिछले 2 साल से पहला स्थान अपनी झोली में डाल रहा था लेकिन इस साल वह फिसलकर 5वें पायदान पर पहुंच गया है।
 
नायडू ने कहा कि बिलकुल नहीं, इसका मतलब यही है कि या तो शहर में स्वच्छता में कमी आई है या फिर नगर सरकार ने अपने प्रयासों को कम किया है, अन्य शहरों ने मैसूर से अधिक स्कोर किया है।
 
अभियान को नया आयाम देंगे : केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ में देश में इंदौर के पहला स्थान पाने से उत्साहित स्थानीय महापौर मालिनी गौड़ ने गुरुवार को कहा कि शहर में साफ-सफाई की मुहिम को आगे भी नए आयाम दिए जाएंगे।  मालिनी के स्थानीय कार्यालय से जारी बयान में शहर की प्रथम नागरिक के हवाले से कहा गया कि हम शहर की जनता के प्रति कृतज्ञ हैं जिसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुरू किए 'स्वच्छ भारत अभियान' में पूरे उत्साह से सहभागिता कर हमें इस मुकाम तक पहुंचाया। हम इस अभियान को आगे भी नए आयाम देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के प्रति भी धन्यवाद जताया।
 
‘सुरीली’ गाड़ियों ने बनाया सबसे स्वच्छ शहर : लेकिन हर दरवाजे से कचरा जमा करने के लिए दिन-रात चलने वाली करीब 350 छोटी गाड़ियों पर बजते 2 खास गीतों ने इंदौर को देश का सबसे साफ शहर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-17’ के तहत 434 शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में पहली पायदान पर पहुंचे इंदौर को साफ रखने के लिए ये गाड़ियां सड़कों और गली-मोहल्लों में लगातार फेरे लगाती रहती हैं। इन गाड़ियों में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग जगह जमा किया जाता है। 
 
धीमी चाल से चलती इन गाड़ियों पर लगे लाउडस्पीकरों में कैलाश खेर का गाया ‘स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने’ और शान की आवाज में ‘हल्ला-होहल्ला... इंदौर को स्वच्छ बनाना है, अब हमने ये ठाना है’ बजता रहता है। ये गाड़ियां दिनभर में इतने फेरे लगाती हैं कि बच्चों से लेकर बड़ों तक को दोनों सफाई गानों के बोल रट गए हैं। दरअसल, 35 लाख की अनुमानित आबादी वाले शहर में इन गीतों का बजना लोगों को संदेश देता है कि कचरा जमा करने वाली गाड़ी उनकी घर, दुकान या प्रतिष्ठान के दरवाजे तक आ पहुंची है।
 
तिलकनगर क्षेत्र की रहवासी सुलभा शर्मा ने गुरुवार को बताया कि सफाई वाहन के आने से पहले ही हम घर का कचरा जमा कर एक थैली में डाल देते हैं। जैसे ही इस गाड़ी पर बजने वाला गीत ‘हल्ला-होहल्ला...’ हमारे कानों में पड़ता है, हम कचरे की थैली लेकर बाहर निकलते हैं और इसे गाड़ी में डाल देते हैं। इन गाड़ियों के चलते हमारे लिए कचरे का निपटारा काफी आसान हो गया है। 35 वर्षीय गृहिणी ने मुस्कुराते हुए कहा कि शान की आवाज वाले सफाई गान के कुछ बोल मेरे 3 साल के बेटे को भी याद हो गए हैं जिन्हें वह अपनी तोतली जुबान में दोहराता रहता है।
 
नगर निगम के अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह बताते हैं कि पहले हमसे कई लोग शिकायती लहजे में अक्सर सवाल करते थे कि उनके घर या प्रतिष्ठान के पास कचरा पेटी नहीं होने से वे कूड़ा आखिर कहां फेंकें इसलिए हमने सालभर पहले शहर में छोटी गाड़ियों के जरिए हर दरवाजे से कचरा जमा करने की मुहिम शुरू की।

उन्होंने बताया कि छोटी गाड़ियों के जरिए सुबह 6 से रात 12 बजे तक 2 पालियों में कचरा जमा कराया जा रहा है। सिंह ने बताया कि छोटी गाड़ियों के जरिए हर दरवाजे से कचरा जमा कराने के साथ हमने एक और जरूरी काम किया। हमने शहर से सैकड़ों बड़ी कचरा पेटियां हटवा दीं और इनकी जगह हजारों छोटे डस्टबिन लगवा दिए। 
 
मध्यप्रदेश को मॉडल राज्य बनाने के इरादे को किया साबित : केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2017’ में मध्यप्रदेश का इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहर एवं भोपाल दूसरे नंबर पर रहने से गद्गद् हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस सर्वेक्षण ने उनकी सरकार की स्वच्छता, साफ-सफाई एवं कचरा प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश को मॉडल राज्य बनाने के इरादे को साबित किया है।
 
भोपाल इस सूची में दूसरे नंबर पर है। देश के शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के 11 शहर शामिल हैं, जबकि शीर्ष 100 स्वच्छ शहरों में प्रदेश के 22 शहरों को जगह मिली है। इंदौर एवं भोपाल के अलावा मध्यप्रदेश के जिन शहरों ने शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में जगह बनाई है, उनमें उज्जैन (12वें), खरगोन (17वें), जबलपुर (21वें), सागर (23वें), कटनी (24वें), ग्वालियर (27वें), ओंकारेश्वर (36वें) रीवा (38वें) एवं रतलाम (48वें) स्थान पर रहे।

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