कानपुर। 'जाको राखे साईया मार सके न कोय' यह कहावत तो अक्सर लोगों की जुबान से सूनी थी, लेकिन आज कानपुर देहात में हुए ट्रेन हादसे में देख भी लिया। इस भीषण रेल हादसे में जहां 115 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं ट्रेन की बोगियों में फंसे मासूम और उसकी मां को सकुशल निकाला गया, जबकि पति अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।
अस्पताल में इलाज के बाद महिला ने बताया कि आज अगर उसका लाल बचा है तो सिर्फ देवी मईया की कृपा से। मूल रूप से पैतृक गांव आजमगढ़ में रहने वाला राजू गुप्ता मुम्बई में काम करके परिवार का भरण-पोषण करता है। उसके साथ उसकी पत्नी रीना राजू गुप्ता, बेटा आयूष (3) रहते हैं।
पत्नी ने बताया कि शादी के कई साल तक बच्चे नहीं हुए। संतान पाने के लिए उसने कूलदेवी के यहां मन्नत मांगी थी कि अगर उसे कोई बच्चा हो जाएगा तो तीन साल बाद मां के नाम का पूजन करेगी। बच्चे के तीन साल की उम्र होने के बाद मां से की गई मन्नत को पूरा करने के लिए रीना अपने पति और बेटे के साथ इन्दौर पटना एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर आजमगढ़ पैतृक गांव जा रही थी।
कानपुर देहात के पुखरायां पहुंचने पर रेल हादसा हो गया, जिसमें हजारों यात्रियों के साथ महिला पति और बच्चे के साथ बोगियों के बीच फंस गई। घटना के बाद कई सेना के कई घंटों के राहत और बचाव अभियान के बाद बोगियों को काटकर तीनों को बाहर निकाला और आनन-फानन में इलाज के लिए भर्ती कराया। इस हादसे में जहां युवक की हालत गंभीर बनी हुई है तो वहीं महिला के हाथ में चोट आई है।
खास बात तो यह रही कि इस हादसे में 110 मौतों के बीच एक ऐसा मासूम है जो सेना के गोद में हंसते हुए बाहर निकला। अस्पताल पहुंचने पर महिला ने बताया कि जिस प्रकार का हादसा हुआ है, उससे यह नहीं लग रहा था कि हमारा लाल बचेगा, लेकिन कूलदेवी मईया की कृपा से हमार लाल बिल्कुल ठीक है। बस मईया से यही हाथ जोड़कर प्रर्थना है कि हमारे सुहाग को भी सलामत रखे। (वेबदुनिया न्यूज)