नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा क्षेत्र की कंपनी इंफोसिस को कोरोना वायरस महामारी के कारण लाभ पर मामूली असर पड़ने का अनुमान है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख ने वित्त वर्ष 2019-20 में 61.5 लाख डॉलर वेतन लिया है। कंपनी ने रविवार को शेयर बाजारों को इसकी जानकारी दी।
कंपनी ने कोविड-19 के कारण उपस्थित जोखिमों को रेखांकित करते हुए कहा कि इस महामारी का उसके लाभ पर थोड़ा असर हो सकता है, क्योंकि कुछ ग्राहकों ने मूल्य में कटौती या छूट की मांग की है। इंफोसिस ने कहा कि कम लाभ और भुगतान में विलंब के ग्राहकों के अनुरोध के कारण हमारे नकदी प्रवाह पर नकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ सकता है। इससे शेयरधारकों को लाभांश प्रदान करने की हमारी क्षमता प्रभावित हो सकती हैं।
कंपनी ने यह भी कहा कि उसके कुछ ग्राहकों या आपूर्तिकर्ताओं ने अनुबंधों में अप्रत्याशित घटना जैसे प्रावधानों को लागू किया है। इससे उसके कारोबार पर कुछ समय के लिए नकारात्मक असर रह सकता है।
कोरोना वायरस के प्रकोप ने दुनियाभर के व्यवसायों को प्रभावित किया है। कई अन्य प्रमुख कंपनियों की तरह इंफोसिस ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राजस्व का परिदृश्य बताने से परहेज किया है। कंपनी ने इस कदम के लिए कोविड-19 के प्रकोप के कारण कायम अनिश्चितता का हवाला दिया है।
कंपनी ने कहा कि उसके सीईओ सलिल पारेख को वित्त वर्ष 2019-20 में लगभग 61.5 लाख डॉलर का वेतन पैकेज मिला है। इनके अलावा मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) यूबी प्रवीण राव को लगभग 23 लाख डॉलर (17.25 करोड़ रुपए) और मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) नीलांजन रॉय को लगभग 15 लाख डॉलर का वेतन मिला है। (भाषा)