नई दिल्ली। भारत की यात्रा पर आए ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने लंबे समय से चले आ रहे सभ्यतागत एवं सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और ईरानी विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन के बीच बैठक के दौरान अफगानिस्तान, यूक्रेन एवं अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही उन्होंने करोबार, स्वास्थ्य, लोगों के बीच संपर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।
ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा ऐसे समय हुई है, जब भारतीय जनता पार्टी के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर पश्चिम एशियाई देशों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है।
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को गर्मजोशी से याद किया। दोनों नेताओं ने चल रही द्विपक्षीय सहयोग पहलों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को कोविड के बाद के युग में आदान-प्रदान में तेजी लाने के लिए काम करना चाहिए। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने ईरान के विदेश मंत्री से राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को उनकी बधाई प्रेषित करने का अनुरोध किया और ईरान के राष्ट्रपति से जल्द मुलाकात करने की आशा व्यक्त की।
बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियन के साथ विविध विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। हमने करोबार, संपर्क, स्वास्थ्य, लोगों के बीच संपर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।
विदेश मंत्री ने कहा, अफगानिस्तान, यूक्रेन, संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्षों ने सिविल एवं वाणिज्यिक मामलों में साझा कानूनी सहायता के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
गौरतलब है कि संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को सामान्य तौर पर ईरान के परमाणु समझौते के रूप में जाना जाता है जिसे तेहरान और यूरोपीय संघ सहित कई विश्व शक्तियों ने 2015 में अंतिम रूप दिया था।
इससे पहले, जयशंकर ने मुलाकात की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, नई दिल्ली में ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियन का स्वागत। आज हमारी चर्चा में हमारे करीबी एवं मित्रतापूर्ण संबंध प्रदर्शित होंगे।
ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है।
भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में अरब देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद, इस्लामिक सहयोग संगठन के किसी सदस्य देश के वरिष्ठ मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब्दुल्लाहियन नई दिल्ली में बैठकों के बाद मुंबई और हैदराबाद की भी यात्रा करेंगे।मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों एवं गठजोड़ को और मजबूत बनाया जा सकेगा।
अब्दुल्लाहियन की भारत यात्रा ऐसे समय हुई है जब पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों के कथित विवादित बयान को लेकर कुवैत, कतर के साथ ईरान ने भारतीय राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया था।
भारत ने इस मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) की टिप्पणियों को सिरे से खारिज किया है। खाड़ी क्षेत्र में ईरान, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण देश है। दोनों पक्षों ने दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया में संपर्क बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
पिछले वर्ष ताशकंद में संपर्क सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय पारगमन के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में पेश किया था। वहीं पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद भारत लगातार ईरान के संपर्क में रहा है।(भाषा)
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