नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत से आईआरसीटीसी होटल मामले में शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विरोध के बावजूद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके पुत्र पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा अन्य आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उन्हें एक बड़ी राहत दे दी।
अदालत ने सभी आरोपियों को एक एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मंजूर की है। मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी। शनिवार को सुनवाई के समय राबड़ी देवी के अलावा, तेजस्वी, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और सरला गुप्ता उपस्थित थीं।
लालू यादव के संबंध में अदालत को बताया गया कि वे अस्पताल में भर्ती हैं और डॉक्टर ने उन्हें पूर्ण विश्राम की सलाह देते हुए यात्रा नहीं करने को कहा है। अदालत ने लालू यादव को 19 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का निर्देश दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव को हाजिर करने का अदालत ने आदेश दिया था।
यादव इस समय चारा घोटाले मामले में सजा भुगत रहे हैं और झारखंड की जेल में बंद हैं। इससे पहले सीबीआई ने अदालत में राबड़ी देवी, तेजस्वी और अन्य की जमानत का यह कहते हुए विरोध किया था कि नियमित जमानत मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है।
यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है। इस दौरान लालू प्रसाद रेलमंत्री थे। यह मामला रांची और और पुरी स्थित बीएनआर होटल की निविदा दिए जाने से जुड़ा है। सीबीआई का आरोप है कि नियमों का उल्लंघन कर इन होटलों के टेंडर विनय कोच की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिए गए थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने 27 जुलाई को सीबीआई की प्राथमिकी पर धनशोधन का मामला दर्ज किया था। मामले में फर्जी कंपनियों के जरिए कथित रूप से पैसा हस्तांतरित करने की जांच की जा रही है। (वार्ता)
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