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शर्मनाक! आईएस के झंडे में दफन हुआ कश्मीरी आतंकवादी...

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। कश्मीर में एक आतंकी को आतंकी संगठन आईएसआईएस के झंडे में लपेटकर दफनाने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर में यह पहली बार है कि जब किसी आतंकी को आईएसआईएस के झंडे में लपेटकर दफनाया गया हो। इस बीच श्रीनगर में लगाए गए प्रतिबंध शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहे और सेना ने बांदीपोरा से लश्करे तैयबा के एक आतंकी को हथियारों समेत जिंदा पकड़ा है। 
 
घटना बीते बुधवार की है जहां सैकड़ों की तादाद में लोग आतंकी सज्जाद गिलकर के जनाजे में शरीक हुए। इस दौरान कई लोगों ने पिछले साल मारे गए हिजबुल कमांडर बुहरान वानी और उसके साथी जाकिर राशिद उर्फ मूसा की तस्वीरों के साथ आईएसआईएस के झंडे फहराए।
 
इससे पहले एनकाउंटर मारे गए आतंकी का शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर दफनाया गया था। बता दें कि आतंकी सज्जाद गिलकर श्रीनगर का रहने वाला था। जिसे बुधवार को मुठभेड़ में अन्य दो हिजबुल आतंकियों के साथ मौत के घाट उतार दिया था। 
 
पुलिस ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि बीते दिनों भीड़ द्वारा डीएसपी अय्यूब पंडित की हत्या में सज्जाद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खबर के अनुसार गिलकर की जनाजे की नमाज उसी जमिया मस्जिद के आंगन में पढ़ाई गई जहां 22 जून को भीड़ ने अय्यूब पंडित की हत्या कर दी थी।
 
सूत्रों के अनुसार पुलिस अय्यूब पंडित की हत्या के लिए गिलकर को दोषी मान रही है। हालांकि इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट दाखिल करना बाकी है। वहीं पुलिस ने आगे बताया कि पंडित की हत्या के बाद आंतकी सज्जाद गिलकर अंडरग्राउंड हो गया और बाद में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया। गिलकर 2 अप्रैल को नौहट्टा सीआरपीएफ पर हुए ग्रेनेड हमले में भी शामिल था। 11 जून को सफा कदल हमले और 30 अप्रैल को खान्यार में पुलिस पार्टी हुए हमले में भी सज्जाद मुख्य रूप से शामिल था। बता दें कि नौहट्टा में सज्जाद गिलकर के जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हुए। जनाजे में बहुत सी महिलाएं भी शामिल हुईं जो कि मातम मनाते हुए कह रही थीं कि कौम ए बहादुरो, करयो गौर गौरो (देश के वीरों, तुम्हे लोरी सुनाते हैं।)
 
प्रतिबंध जारी : श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर लगाया गया प्रतिबंध आज तीसरे दिन भी जारी रहा वहीं घाटी के अन्य क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा लिया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ये प्रतिबंध नौहट्टा, खान्यार, सफाकदाल, एमआर गंज और रैनावाड़ी क्षेत्रों में लगाया गया है। 
 
उन्होंने बताया कि बडगाम में बुधवार को मुठभेड़ में मारा गया आतंकी नौहट्टा क्षेत्र का था और इसीलिए ऐहतियात के तौर पर कड़ाई की गई है। उन्होंने बताया कि स्थिति में सुधार होने के कारण शहर के कुछ भागों और घाटी में प्रतिबंध को हटा दिया गया है। अधिकारियों ने गुरुवार को शोपियां शहर में कर्फ्यू लगाने के साथ ही श्रीनगर के सात पुलिस थाना क्षेत्रों और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा तथा कुलगाम जिलों और उत्तर कश्मीर के सोपोर और हंदवाड़ा में प्रतिबंध लगा दिया था।
 
गौरतलब है कि 13 जुलाई 1931 में डोगरा सेना की कथित गोलीबारी में 21 लोगों के मारे जाने की बरसी पर अलगवादियों के हड़ताल बुलाने को देखते हुए यह कार्रवाई की गई थी। 
 
लश्कर आतंकी गिरफ्तार : बांदीपोरा जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान उत्तरी कश्मीर के हजिन निवासी शहनाज मीर के रूप में की गई है।
 
पुलिस के अनुसार, आतंकवादी के पास से एक बंदूक, दो मैग्जीन और एक हथगोला बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि मीर को मारकुंडल गांव में एक बगीचे से तलाशी अभियान के दौरान पकड़ा गया। उसे मरकुंडल गांव में एक बगीचे से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से चीन निर्मित पिस्तौल, एक मैग्जीन, चार गोलियां, एक हथगोला, एक चाकू तथा अन्य सामान बरामद किया गया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
 


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