कोरबा। कोयले की कमी से देश में बिजली संकट गहरा सकता है। छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के अन्य राज्यों को बिजली प्रदाय करने वाली ऊर्जाधानी कोरबा में स्थापित पॉवर प्लांट इन दिनों कोयले की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। तकरीबन सभी पॉवर प्लांट के पास इन दिनों कोयले की कमी बनी हुई है। अधिक बारिश और अन्य कारणों से एसईसीएल की कोयला खदानों में कोयला उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। कम कोयला उत्पादन का असर यह हुआ कि बिजली संयंत्रों को आवश्यक मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
नियम के अनुसार पॉवर प्लांट के पास कम से कम 15 दिनों का कोयले का स्टॉक होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह स्टॉक महज 2-3 दिनों का ही है। कोयले की कमी की वजह से कोरबा ईस्ट पॉवर प्लांट की 210 मेगावॉट की एक विद्युत उत्पादन इकाई को बंद करना पड़ा है। यदि समय रहते कोयले का उत्पादन बढ़ाकर विद्युत संयंत्रों को इसकी आपूर्ति का ठोस इंतजाम नहीं किया गया, तो बिजली संकट और ऊर्जा संकट के हालात पैदा हो सकते हैं। इससे न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य राज्यों में भी कोयले की समस्या खड़ी हो सकती है।