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आईएसआईएस को लेकर कश्मीर में मचा है घमासान

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। कश्मीर में आईएसआईएस को लेकर जो जबरदस्त घमासान आरंभ हुआ था, वह अभी भी जारी है। सेना और राज्य सरकार इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। अगर सेना कहती है कि यह चिंता का विषय है और उसकी चिंता यह है कि आईएसआईएस कश्मीर को नए आतंकवाद के दौर में धकेल देगा तो राज्य सरकार कहती कि आईएसआईएस के नाम पर कश्मीरियों और अन्य लोगों को डराया जा रहा है।
 
कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराने की घटनाओं से सेना चिंता में है। यह बात सेना की 15 कोर के अधिकारी भी अब कहने लगे हैं। इन घटनाओं के बाद सुरक्षा एजेंसियों को इस पर ध्यान देने के लिए कहा गया है। वहीं सरकारी तौर पर घाटी में जिहादी संगठन आईएस के झंडे लहराए जाने की घटनाओं को सिरफिरे युवकों की करतूत बताया जाने लगा है। 
 
सेनाधिकारी कहते हैं कि आईएसआईएस झंडों का दिखाई देना चिंता पैदा करता है और कश्मीर के युवकों को प्रलोभन से बचाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सर्वाधिक ध्यान देने की जरूरत है। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करने की आईएसआईएस की क्षमता चिंता की बात है। फिलहाल माना जा रहा है कि आईएसआईएस के लिए 10,000 से 15,000 लोग संघर्ष कर रहे हैं।
 
पिछले करीब कई हफ्तों से ईद की नमाज के बाद कश्मीर में प्रदर्शनकारियों द्वारा लगातार आईएसआईएस के झंडे लहराते हुए देखे जा रहे हैं। वर्ष 2014 के जुलाई महीने में सबसे पहले जब ऐसा मामला आया था तो तब भी तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में आईएस की मौजूदगी को नकार दिया था, पर अब सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इसको लेकर चिंतित हैं, पर इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों की नई फौज का खतरा मंडराने लगा है। 
 
कश्मीर आने वाले दिनों में आईएसआईएस अर्थात इराक और सीरिया में तेजी से फैल रहे आतंकी गुट आईएस के कश्मीर की ओर बढ़ते कदमों से सहमने लगा है। आईएस का अगला निशाना कश्मीर होगा इसके प्रति अब कोई दो राय इसलिए भी नहीं है। हालांकि वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जुलाई में तब खुद माना था कि कश्मीरी युवक आईएस में शामिल होने लगे हैं। यह बात अलग थी कि कश्मीर से तो कोई लड़ाका आईएसआईएस में शामिल नहीं हुआ था सिवाय ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले एक कश्मीरी युवक के।
 
इन एजेंसियों के मुताबिक, कश्मीर में आईएसआईएस और अलकायदा के कदम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शनों के दौरान आईएसआईएस और अलकायदा के झंडे, बैनर और पोस्टर इसके प्रति संकेत जरूर दे रहे हैं कि इन दोनों आतंकी गुटों के कदम कश्मीर की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। याद रहे आईएसआईएस के नेता पिछले कई दिनों से इसके प्रति ऐलान भी कर रहे हैं कि वे कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बनने की खातिर कश्मीर को अगला निशाना बनाएंगे, जबकि अलकायदा का भी बयान कई बार आ चुका है कि वे अब कश्मीर को आजाद करवाने के लिए कश्मीर आ चुके हैं।
 
हालांकि कश्मीर में आतंकवाद से निपट रहे सुरक्षाबलों के मुताबिक, वे आईएसआईएस और अलकायदा के खतरे से निपटने को पूरी तरह से तैयार हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, इन दोनों आतंकी गुटों के कश्मीर में पदार्पण की खबरें एक लंबे अरसे से आ रही हैं और मिले इनपुट के मुताबिक, आने वाले दिनों में इन आतंकी गुटों के सदस्यों से टकराव की आशंका बनी हुई है।


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