नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय की सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता ने कहा कि आईएस से प्रशिक्षण हासिल कर एवं कट्टर बनकर आतंकवादी हमला करने के लिए अपने गृह देशों को लौट रहे युवक एक प्रमुख सुरक्षा चिंता है तथा मध्य एशियाई देशों को इस समस्या से मुकाबले के लिए संयुक्त रूप से कार्य करना चाहिए।
सुजाता मेहता ने कहा, 'रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य एशिया से जो आईएस के लिए लड़ने के लिए गए थे उनके वापस अपने गृह देश आने की संभावना है ताकि वे अपने देशों में अपने इस बुरे एजेंडे को आगे बढ़ा सकें। इसके पहले इसके संकेत हैं कि युद्ध से कठोर एवं कट्टर बनकर वापस आए आईएस के लड़ाके आतंकवादी हमलों में शामिल हो रहे हैं, उनका समन्वय कर रहे हैं और हमले कर रहे हैं।
सुजाता ने यह भी कहा कि आतंकवादी संगठन की बढ़ोतरी ने मध्य एशिया में आतंकवाद में एक और आयाम जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के देशों के साथ भविष्य के सहयोग के लिए भारत की दृष्टि ‘‘महत्वाकांक्षी होने के साथ ही यथार्थवादी है।
उन्होंने कहा कि आज मध्य एशिया कुछ पुरानी एवं कुछ नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है। क्षेत्रीय सुरक्षा चिंता का विषय बनी हुई है। पड़ोसी अफगानिस्तान में स्थिति अभी स्थिर होनी बाकी है जो कि तीन मध्य एशियाई देशों के साथ सीमा साझा करता है। (भाषा)